नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 39वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि इग्नू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने इग्नू की भूमिका को देश के शिक्षा क्षेत्र में एक उत्प्रेरक के रूप में बताया और कहा कि यह विश्वविद्यालय हर व्यक्ति के लिए शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इग्नू का मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
केंद्रीय मंत्री ने मेजान गढ़ी में आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 भारत में समावेशी और प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इग्नू का लचीला और बहुविषयक शिक्षा मॉडल एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देता है।
डॉ. मजूमदार ने डिजिटल और दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए इग्नू की पहल को सराहा। उन्होंने कहा कि एनईपी का जोर लचीली शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा पर है, जो आज की तेजी से बदलती दुनिया में शिक्षा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करता है।
क्षेत्रीय भाषाओं और प्रौद्योगिकी में इग्नू की भूमिका
मंत्री ने इग्नू की भूमिका को क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन में भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इग्नू ने स्व-शिक्षण सामग्री का अनुवाद करके समावेशिता सुनिश्चित की है और छात्रों को उनकी भाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। साथ ही, इग्नू ने प्रौद्योगिकी के प्रयोग में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें एआई-संचालित टूल, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, और वर्चुअल कक्षाएं शामिल हैं।
उभरते क्षेत्र और 21वीं सदी के कौशल
डॉ. सुकांत मजूमदार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में इग्नू के योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इग्नू को डिजिटल साक्षरता, आलोचनात्मक सोच, और अंतःविषय अध्ययन को बढ़ावा देने वाले पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को 21वीं सदी के आवश्यक कौशल से लैस करना चाहिए। इस तरह इग्नू छात्रों को चौथी औद्योगिक क्रांति के अवसरों के लिए तैयार कर सकेगा।
इग्नू के प्रयासों को सराहा
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि इग्नू का छात्र-केंद्रित, बहु-विषयक और डिजिटल शिक्षा मॉडल इसे विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण साझेदार बनाएगा।
इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर जोर दिया और विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने समग्र विकास, डिजिटल समावेशिता, और संकाय विकास को प्राथमिकता देने की बात की।
नई शिक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. सुकांत मजूमदार ने इग्नू के कला स्नातक (शिक्षा) कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारंभ किया और इग्नू के संकाय सदस्यों द्वारा लिखित कई पुस्तकों का विमोचन भी किया।