खड़गपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (IIT Kharagpur)में 86 प्रोफेसरों को संस्थान प्रशासन द्वारा शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद यह मामला अब कलकत्ता उच्च न्यायालय तक पहुंचने की संभावना है। आईआईटी टीचर्स एसोसिएशन (आईआईटीटीए) के सूत्रों के अनुसार, प्रभावित प्रोफेसर अब कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।
प्रोफेसरों की विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल की चेतावनी
कई प्रोफेसर पहले ही इन नोटिसों और तीन विभागाध्यक्षों के पद से हटाए जाने के खिलाफ धरने पर बैठ चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारी प्रोफेसर अब भूख हड़ताल करने का भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, आरोप लगाए थे निदेशक पर
यह घटनाक्रम सितंबर महीने में संघ द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भेजे गए एक पत्र के बाद सामने आया। पत्र में प्रोफेसरों ने संस्थान के निदेशक वी.के. तिवारी पर “पक्षपात और प्रतिशोधात्मक रवैये” का आरोप लगाया था। प्रोफेसरों ने मंत्री से निदेशक का कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त होने के बाद नए निदेशक की नियुक्ति करने की मांग की थी।
तीन विभागाध्यक्षों का इस्तीफा और शो-कॉज नोटिस की सूची
शो-कॉज नोटिस जारी होने के बाद तीन विभागाध्यक्षों को उनके पदों से हटा दिया गया है। इन विभागाध्यक्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के नीलॉय गांगुली, गणित विभाग के अद्रीजीत गोस्वामी, और जीवन विज्ञान विभाग के निहार रंजन जाना शामिल हैं। ये सभी प्रोफेसर उन 86 लोगों में से हैं जिन्हें नोटिस भेजा गया था।
आईआईटी प्रशासन का विरोध
आईआईटी प्रशासन ने इन आरोपों को “भ्रामक प्रचार” बताते हुए खारिज कर दिया है। प्रशासन ने साफ किया कि इन आरोपों में कोई विश्वसनीयता नहीं है और इसे संस्थान की छवि को धूमिल करने की कोशिश माना जा रहा है।