रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लग चुकी है। इस दौरान राज्य में भारी मात्रा में नकद रुपये एवं सामान बरामद किये गये हैं। जानकारी के अनुसार राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 51.17 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्ति और नकदी जब्त की जा चुकी है। आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में 16 प्राथमिकी भी दर्ज की गई हैं।
दिलचस्प बात यह है कि 17 अक्टूबर तक राज्य में जब्त की गई संपत्ति की कुल राशि 38 लाख रुपए थी, जो मात्र आठ दिनों में बढ़कर 51 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इस बढ़ती जब्ती की रफ्तार से स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग का सख्त नियंत्रण और कड़ी निगरानी अवैध गतिविधियों पर प्रभावी कार्रवाई कर रही है।
जैसे-जैसे चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, यह संभावना है कि जब्ती का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। चुनाव आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है: चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम न केवल अवैध कार्यों पर अंकुश लगाएगा, बल्कि मतदाताओं में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के प्रति विश्वास भी बढ़ाएगा।
चुनाव आयोग की यह सख्ती राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक होगी। इससे मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाना संभव होगा। निर्वाचन अधिकारियों ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करें।
राज्य में चुनावी माहौल को सुचारू और पारदर्शी बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग लगातार प्रयासरत है। इसके तहत उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करें, ताकि लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हों।
इस सख्ती के परिणामस्वरूप, मतदाता अब यह महसूस कर रहे हैं कि उनके वोट का सम्मान किया जाएगा और चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी। इससे राज्य में चुनावी लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी और सभी मतदाता स्वतंत्रता से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।
इन सभी प्रयासों के बीच, यह आवश्यक है कि राज्य की जनता भी चुनाव आयोग और प्रशासन के साथ सहयोग करे, ताकि एक स्वस्थ और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।