ओपीडी-इनडोर में पकड़े गए तो होगी सख्त कार्रवाई
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने इंट्री पर रोक लगाने का जारी किया है नोटिस
रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में तत्काल प्रभाव से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स (एमआर) की इंट्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं इसे लेकर नोटिस जारी किया गया है। साथ ही नोटिस में लिखा गया है कि मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के आदेश पर हॉस्पिटल में एमआर नहीं घूम सकेंगे। इसलिए वे डॉक्टरों के पास विजिट न करे। बता दें कि हॉस्पिटल में एमआर बेधड़क डॉक्टरों के चैंबर में घूम रहे थे। वहीं वार्ड में जाकर मरीजों की पर्चियां भी देख रहे थे कि उन्हें डॉक्टर ने कौन सी दवाएं लिखी है। इस खबर को द फोटोन न्यूज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
प्रबंधन ने की कार्रवाई की तैयारी
प्रबंधन की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अगर निरीक्षण के दौरान अगर एमआर ओपीडी या वार्ड में पकड़े जाते है तो अब उनपर कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं उन्हें काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में रोका भी जा सकता है। हालांकि कुछ एमआर को एक घंटे के लिए रोककर बिठाया भी गया था। अब उनपर सख्ती करने की तैयारी है।
बेधड़क घूम रहे थे रिम्स में एमआर
रिम्स में प्रबंधन के दावों के बावजूद मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स (एमआर) की अवैध गतिविधियां लगातार जारी थी। हॉस्पिटल प्रबंधन ने हालांकि एमआर के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद ओपीडी और इनडोर वॉर्ड्स में एमआर दिनभर सक्रिय थे। जहां वे न केवल डॉक्टरों से मिलकर अपनी दवाएं लिखवाने का दबाव बनाते रहे है, बल्कि मरीजों की दवाइयों की पर्चियां भी चेक करते पाए गए। यह जानने के लिए कि क्या डॉक्टरों ने उनकी कंपनी की दवाइयां लिखी हैं। सख्त निर्देश के बावजूद सुरक्षा में तैनात होमगार्ड्स एमआर को रोकने में नाकाम साबित हो रहे थे। वे बेधड़क अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में घुसकर डॉक्टरों के केबिन तक पहुंच रहे थे।
केवल शनिवार को विजिट का था आदेश
इससे पहले रिम्स प्रबंधन ने एमआर के प्रवेश को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। जिसमें कहा गया था कि वे केवल शनिवार को ओपीडी के बाद ही एमआर डॉक्टरों से मिल सकते हैं। इसके बावजूद यह नियम लागू नहीं हो पा रहा था और एमआर हॉस्पिटल में हर दिन सुबह से लेकर शाम तक सक्रिय थे। जिससे मरीजों को कंसल्टेशन और रिपोर्ट दिखाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा था।
दवा का हॉस्पिटल में पूरा स्टॉक
इस पूरे मामले के बीच रिम्स प्रबंधन ने मरीजों को राहत देने के लिए एक पहल शुरू की है। मरीजों को केवल निश्चित दुकानों से दवाएं खरीदने का निर्देश दिया है। अमृत फार्मेसी और भारतीय जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को उचित कीमत पर दवाएं मिल सकें। इसके अलावा डायरेक्टर ने निर्देश दिया है कि इनडोर में दवाओं का पूरा स्टॉक रखा जाएगा। वहीं जब भी स्टॉक कम होगा तो एक हफ्ते से 15 दिन पहले दवाओं का आर्डर करने का निर्देश दिया है। जिससे कि मरीजों को दवाएं बाहर से खरीदने की नौबत न आए।
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