स्पेशल डेस्क : पाकिस्तान के पूर्व पीएम (Imran Khan Jailed) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने सिफर मामले में पूर्व पीएम इमरान खान और उनके सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत सिफर मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया गया था।
बता दें कि सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज से जुड़ा है, जिसके संबंध में संघीय एजेंसी की चार्जशीट में कहा गया है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया।
इमरान खान की बढ़ी और मुश्किलें (Imran Khan Jailed)
पीटीआई कई सालों से ये मानती आ रही है कि इस दस्तावेज में अमेरिका की ओर से इमरान को पीएम पद से हटाने की धमकी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएम पद से हटाने में अमेरिका की अहम भूमिका थी। आपको बता दें कि यह फैसला तब आया है, जब 8 फरवरी से आम चुनाव होने हैं, जहां पीटीआई राज्य में पार्टी की सख्त कार्रवाई के बीच बिना किसी चुनाव चिह्न के लड़ रही है। पाकिस्तान की विशेष अदालत ने पिछले महीने अदियाला जिला जेल में नए मामले की सुनवाई शुरू की।
पीटीआई ने बताया- झूठा मामला
रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी की अदियाला जेल में मामले की सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक ‘‘झूठा मामला है, मीडिया और जनता को इससे दूर रखा गया।’’
हाईकोर्ट में चुनौती देगी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ
इमरान खान की पार्टी ने व्हॉट्सएप मैसेज में कहा, ‘‘हमारी कानूनी टीम इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मामले की लचर सुनवाई के तहत दो बार कार्यवाही को रद्द कर दिया था। मीडिया और जनता की पहुंच का आदेश दिया था, फिर भी कानूनी टीम को जाने नहीं दिया गया, उसे अलग रखा गया और जल्दबाजी में फैसला लिया गया। ऐसे में उम्मीद है कि उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर सजा को निलंबित कर दिया जाएगा।’’
इमरान खान को 10 साल की सजा
इमरान खान को स्पेशल कोर्ट ने सिफर केस में 10 साल की सजा सुनाई है। हालांकि, इमरान अभी ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकते हैं, लेकिन सेना के उनके प्रति रवैये को देखते हुए इमरान को राहत मिलने के आसार बेहद कम नजर आते हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के साथ पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को सिफर मामले में जेल की सजा सुनाई गई है।
सिफर केस क्या है?
दरअसल, सिफर केस देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। इमरान के ऊपर आरोप है कि उन्होंने गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया। इमरान के साथ-साथ इस केस में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद भी दोषी पाए गए हैं। प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद इमरान ने अमेरिका पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था।
इमरान का कहना था कि वॉशिंगटन में मौजूद पाकिस्तान एंबेसी ने उनको गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराई थी। इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने अपने फायदे के लिए गुप्त बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था, जिससे सिफर का नाम दिया गया था।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। उससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वापस स्वदेश लौट आए हैं। उन्होंने साल 2019 में पाकिस्तान छोड़ दिया था और ब्रिटेन में जाकर रहने लगे थे। हाल ही में हाई कोर्ट ने नवाज को जमानत पर छूट दी थी, जिसके बाद उन्होंने वापसी की।
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