गोरखपुर : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अभियंता और कर्मचारी 29 मई 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। यह निर्णय पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में लिया गया है। आंदोलनकारी कर्मचारियों ने निजीकरण रद्द होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी है।
तीन घंटे का दैनिक प्रदर्शन 28 मई तक
मंगलवार को मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन किया। समिति के संयोजक पुष्पेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रबंधन ने घाटे के फर्जी आंकड़े पेश किए हैं। सही आंकड़ों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाला जाएगा।
21 मई से राज्यव्यापी दौरा, 29 मई से हड़ताल
संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि 21 मई से उनके केंद्रीय पदाधिकारी राज्यभर में दौरा करेंगे। इसके बाद 28 मई तक प्रतिदिन तीन घंटे का प्रदर्शन जारी रहेगा और 29 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।
प्रबंधन पर गंभीर आरोप
पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि आगरा में बिजली निगम 5.55 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदकर निजी कंपनियों को 4.36 रुपये में बेच रहा है, जिससे हर साल 274 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। हाल ही में नियामक आयोग को सौंपे गए दस्तावेज़ों में घाटा पहले 9206 करोड़ रुपये बताया गया, जिसे अब बढ़ाकर 19,600 करोड़ रुपये दिखाया गया है।
उन्होंने सवाल किया कि यदि निजीकरण हुआ, तो क्या सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी देना जारी रखेगी? क्योंकि दस्तावेजों में बार-बार सब्सिडी का जिक्र किया गया है। पुष्पेंद्र सिंह ने इन आंकड़ों को भ्रामक बताया और कहा कि यह निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की सोची-समझी साजिश है।
इस दौरान जीवेश नंदन, अमित आनंद, भानु प्रताप सिंह, योगेश यादव, अरुण सिंह, अभय सिंह, राजेश कुमार, प्रभुनाथ प्रसाद, संगम लाल मौर्य, राकेश चौरसिया, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, दिलीप गौतम, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, सत्यव्रत पांडेय, विमलेश पाल, रामकिशुन सिंह और राजकुमार सागर जैसे कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
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