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RBI ने ब्रिटेन से 100 टन सोना वापस मंगाया, जानिए क्या रही वजह

by Rakesh Pandey
India Brings 100 Tonnes of Gold from UK
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नई दिल्ली :  India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: भारत के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूनाइटेड किंगडम (UK) से लगभग 100 टन या एक लाख किलोग्राम सोना वापस भारत मंगाया है। इतना ही नहीं, आने वाले महीनों में और अधिक सोना भारत वापस ले जाने का इरादा भी जताया है।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK:  1991 के बाद पहली बार मंगाया इतना सोना

एक अंग्रेजी समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, भारत ने इतनी बड़ी मात्रा में सोने की वापसी साल 1991 के बाद पहली बार कराई है। बता दें कि आरबीआई (RBI) को साल 1991 में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब देश में विदेशी मुद्रा भंडार में अत्यधिक कमी के कारण उसे अपने स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: कैसे लाया गया इतनी बड़ी मात्रा में सोना

भारत ने यूके से सोना तो मंगा लिया लेकिन सवाल यह है कि 100 टन सोने को एक देश से दूसरे देश मूव कराना किसी भी तरीके से आसान काम नहीं है। इसके लिए सिक्योरिटी भी जबरदस्त होनी चाहिए। यकीन मानिए, जब इस 100 टन सोने को लंदन से भारत लाया गया होगा, तब इसकी सिक्योरिटी किसी भी सूरत में अमेरिका के प्रेसिडेंट जैसी सिक्योरिटी से कम नहीं रही होगी।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: जब भारत को गिरवी रखना पड़ा था सोना

इससे पहले इतनी बड़ी मात्रा में सोना 1991 में उस समय गिरवी रखना पड़ा था जब भारत की अर्थव्यवस्था आजादी के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार को भारत का 47 टन सोने को बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवी रखना पड़ा था। सोने को गिरवी रखकर आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद ही देश में लिबरलाइजेशन के लिए
जमीन तैयार हो सकी थी।

 

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: भारत की आर्थिक मजबूती का प्रमाण

चंद्रशेखर के बाद के दौर में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार (Government of Prime Minister Narasimha Rao) में वित्त मंत्री बने, तो देश की अर्थव्यवस्था ने उदारीकरण का रास्ता अपनाया। इस उदारीकरण के चलते इतिहास की करवट ही बदल गई। देश के लिए तरक्की की एक नई राह खुल गई। हालांकि मौजूदा घटना इससे उलट है। अबकी बार आरबीआई ने 100 टन सोने का मूवमेंट किसी आर्थिक संकट से निपटने के लिए नहीं किया है। यह भारत की आर्थिक मजबूती को दिखाता है।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: कहां रखा है भारत का सोना?

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से देश में सोने को मुख्य तौर पर मुंबई और नागपुर के वॉल्ट में रखा जाता है। जो 100 टन सोना भारत वापस लाया गया है उसे भी इन्हीं सोने की तिजोरियों में रखा गया है। इस तरह भारत में उसका कुल 408 टन सोना है। आरबीआई ने लंदन से सोने को भारत वापस लाने का निर्णय इसलिए किया, क्योंकि विदेशों में उसका गोल्ड रिजर्व बढ़ रहा था। साथ ही भारत के इस कदम से अपने सोने के स्टॉक को डायवर्सिफाई करने में भी मदद मिलेगी।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: कई देशों ने बढ़ाया सोने का भंडार

सोना हमेशा से कीमती धातु रहा है। दुनिया के अधिकतर देश इस समय सोने में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। खासकर के जब से रूस पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं, तब से चीन से लेकर सिंगापुर तक ने अपने सोने के भंडार में बढ़ोत्तरी की है।

India Brings 100 Tonnes of Gold from UK: 1991 में सोने के बदले मिला था 400 मिलियन डालर का कर्ज

देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित करने के लिए 1991 में बैलेंस ऑफ पेमेंट संकट के समाधान के लिए चंद्रशेखर सरकार ने गोल्ड रिजर्व को गिरवी रखा था। वर्ष 1991 में 4 जुलाई से 18 जुलाई के बीच आरबीआई ने 46.91 टन गोल्ड को बैंक ऑफ इंग्लैड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवी रखा था। इस सोने को गिरवी रखने के बदले में 400 मिलियन डॉलर का कर्ज भारत ने लिया था।

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