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इजराइल में फंसे भारतीयों को लाने के लिए भारत चलाएगा ‘ऑपरेशन अजय’, विदेश मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली :  इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बढ़ रहे संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘ऑपरेशन अजय’ की शुरुआत की है। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह घोषणा की है कि वे इजराइल में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। आपको बता दें, इसके पीछे का कारण है हमास की ओर से अंजाम दी गई हमले की घटना, जिसके बाद इजराइल ने युद्ध की घोषणा की थी। इस हमले के बाद ऊपजे हालात के चलते अब तक 2,200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

विदेश मंत्री ने दी सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल में इस घोषणा की पुष्टि की है, जहाँ उन्होंने कहा, “हम ‘ऑपरेशन अजय’ की शुरुआत कर रहे हैं ताकि वापस आने की इच्छा रखने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हम विशेष चार्टर उड़ानों और अन्य व्यवस्थाओं के प्रबंध कर रहे हैं ताकि वे सुरक्षित तरीके से लौट सकें। हम विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीरता से प्रयासरत हैं।”

दूतावास ने जारी की भारतीय नागरिकों की सूची

इसके अलावा, इजराइल में स्थित भारतीय दूतावास ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बातों का स्वागत किया और उन्होंने कहा, “दूतावास ने कल विशेष उड़ानों के लिए पंजीकृत भारतीय नागरिकों की पहली सूची भेज दी है। आने वाली उड़ानों के लिए अन्य पंजीकृत लोगों को भी सूचित किया जाएगा।”

मोदी ने नेतन्याहू से की थी बात

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संघर्ष के समय में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और उन्होंने अपने साथी देश के साथ एकजुटता व्यक्त की। पीएम मोदी ने इस अपातकालीन स्थिति में विदेश मंत्री के द्वारा शुरू की गई ‘ऑपरेशन अजय’ की प्रशंसा की और उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उनके फोन करने और वहां की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत के लोग इस संघर्ष के कठिन पलों में इजराइल के साथ मजबूती से खड़े हैं।” पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर आगे लिखा, “भारत दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तितियों की निंदा करता है।”

भारत की जनता इजरायल के साथ : मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी महत्वपूर्ण बात की कि भारतीय सरकार और जनता इजराइल के साथ खड़ी है और विश्व के इस कठिन समय में साथ का संदेश देते हैं। यह स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है, और भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ की शुरुआत करने के साथ ही इजराइल के साथ सख्त एकजुटता दिखाई है। इस प्रयास के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को सुरक्षित तरीके से लौटाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उन्हें इस संघर्ष से होने वाले खतरे से दूर रखा जा सके।

‘ऑपरेशन अजय’ भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण

पीएम मोदी की तरफ से इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ हुई बातचीत और साथियों के साथ खड़े होने की मंशा व्यक्त करने के साथ ही भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ है और इसकी निंदा करता है। इस घातक संघर्ष के समय में भारत और इजराइल के बीच सख्त सहयोग दरकार है ताकि दोनों देश इस मुश्किल समय में एक साथ खड़े होकर दुनिया को सामान्य खतरों के खिलाफ साझा आगे बढ़ सकें। यह ‘ऑपरेशन अजय’ नामक पहल हमारे देश के लौटने की इच्छा रखने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम की ओर एक और प्रमाण है।

इस कदम से दुनिया को भारत ने दिया संदेश

‘ऑपरेशन अजय’ से दुनिया को यह संदेश मिलता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के मामले में किसी भी हालात में पीछे नहीं हट सकता। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच के संघर्ष की वर्तमान स्थिति कठिन है, और इसका प्रभाव दुनिया भर में महसूस हो रहा है। ‘ऑपरेशन अजय’ के माध्यम से भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और उन्हें संघर्ष के खतरों से दूर रखने के लिए प्रयासरत है। इस प्रयास के साथ ही भारत ने अपने साथी देश इजराइल के साथ सख्त एकजुटता दिखाई है और विश्व को यह संदेश दिया है कि दोनों देश दुनिया के सामान्य खतरों के खिलाफ साथ मिलकर खड़े हैं।

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सामाजिक, आर्थिक और सामरिक सहयोग की जरूरत

दरअसल, इस कठिन समय में सामाजिक, आर्थिक और सामरिक सहयोग के माध्यम से हम सभी को एक साथ आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करना होगा। अब हमें स्थानीय और विश्व समुदायों के साथ सहयोग करने का समय आ गया है ताकि हम सभी साथ मिलकर इस चुनौतीपूर्ण समय में एक सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकें। इसके बिना, एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की दिशा में हमारे सामर्थ्य का संरक्षण करना मुश्किल हो सकता है।

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