Home » Infosys के संस्थापक ने युवाओं को दी सलाह-कहा ऐसा करने से चीन व जापान से आगे होगा भारत

Infosys के संस्थापक ने युवाओं को दी सलाह-कहा ऐसा करने से चीन व जापान से आगे होगा भारत

by Rakesh Pandey
Infosys के संस्थापक ने युवाओं को दी सलाह-कहा ऐसा करने से चीन व जापान से आगे होगा भारत
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने भारतीय युवाओं को एक ऐसा फॉर्मूला दिया है जिससे न सिर्फ भारत तेज गति से आगे बढ़ेगा बल्कि चीन व जापान भी पीछे छुट जाएगा। हालांकि, उनके इस सलाह के बाद भारत में विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ी हुई है। कोई इसे अच्छा कह रहा है तो कोई सेहत के लिए खतरनाक बता रहा है। दरअसल, भारत में अधिकतर सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 8 से 9 घंटे का वर्किंग कल्चर है। ऐसे में इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने इसे बढ़ाकर 12 घंटे करने की सलाह दी है, जिसके बाद इस विषय पर खूब चर्चा हो रही है।
————-
Infosys के संस्थापक ने क्या कहा?
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा था कि अगर भारत विकसित देशों के साथ स्पर्धा करना चाहता है, तो युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। मौजूदा समय में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है, जबकि हमारा सबसे ज्यादा मुकाबला चीन से है और इसलिए युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना होगा। जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर, इसे अपनाया गया तो भारत चीन व जापान से आगे निकल जाएगा।
—————
डॉक्टर बता रहे खतरनाक
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के सलाह के बाद देशभर में एक बहस छिड़ी हुई है। डॉक्टर इसे सेहत के लिए खतरनाक बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे न सिर्फ बीमारी बढ़ेगी बल्कि लोगों का घर-परिवार भी बर्बाद हो जाएगा। चूंकि, लोगों के पास थोड़ा भी समय नहीं रहेगा कि वे किसी को समय दे सकें। अभी 8 से 9 घंटे वर्किंग कल्चर है तब भी इसका सेहत पर काफी बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में देखा जाए तो दिल का दौरा, तनाव, चिंता, पीठ दर्द आदि बीमारी तेजी से बढ़ी है।
—————-
न नींद पूरी होगी और न ही घर-परिवार के लिए समय निकाल पाएंगे
झारखंड के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि अगर आप रोज 12 घंटे कार्य करते हैं, तो आपके पास 12 घंटे बचते हैं। इसमें आठ घंटे सोना जरूरी है। बचे चार घंटे। इसमें आप क्या-क्या करेंगे। अगर नींद कम लेंगे तो आपको दूसरी बीमारी होना स्वाभाविक है। वहीं, आपको एनर्जी भी नहीं मिल सकेगा जिससे आप बेहतर ढंग से काम कर सके। वहीं, इससे समाज के लिए समय नहीं मिलेगा। परिवार के साथ बातचीत, व्यायाम और मनोरंजन के लिए समय नहीं मिलेगा। कुल मिलाकर यह उचित नही हैं।
————-
बच्चों में ऑटिज्म बढ़ने का खतरा
जमशेदपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. शुभोजित बनर्जी ने कहा कि कार्य संस्कृति ऐसा होना चाहिए जिसे कर्मचारी बेहतर ढंग से कर सकें। उन्होंने कहा कि तनाव पूर्ण कार्य संस्कृति और लंबे समय तक काम करने के कारण परिवारों को परेशानी हो रही है। बच्चों में ऑटिज्म हो सकता है। कोई आश्चर्य नहीं कि हम इन दिनों इतने सारे ऑटिस्टिक बच्चे देख रहे हैं, क्योंकि माता-पिता बच्चों के साथ बातचीत के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। इसके साथ ही और भी कई तरह की परेशानी बढ़ रही है। बच्चों में आत्महत्या भी बढ़ेगी। चूंकि, माता-पिता खुद ही इतना व्यस्त हो जाएंगे कि बच्चों के लिए थोड़ा भी समय नहीं निकाल पाएंगे।
———
विश्व स्वास्थ्य संगठन का आंकड़ा चौंकाने वाली
विश्व स्वास्थ्य संगठन का आंकड़ा चौंकाने वाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रति सप्ताह 35 से 40 घंटे काम करने की तुलना में 55 घंटे से अधिक काम करने से स्ट्रोक का खतरा 35 प्रतिशत और हृदय रोग का जोखिम 17 प्रतिशत अधिक होता है। ऐसे में कोई भी कदम उठाने से पहले इन सभी बातों पर गंभीरता से सोचने की जरूरत होगी।

READ ALSO : OCL Recruitment 2023: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में 1720 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू

Related Articles