नई दिल्ली : सेंट्रल दिल्ली के आईपी एस्टेट थाना टीम ने एक अंतरराज्यीय टीएसआर गिरोह को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है, जो यात्रियों को ठगने और उनके कीमती सामान चुराने में शामिल था। इस ऑपरेशन में 20 लाख रुपये के आभूषण, 11,000 रुपए नकद और अपराध में इस्तेमाल किए गए दो टीएसआर बरामद किए गए हैं। गिरोह का सरगना मोहसिन उर्फ मोनी, जो सीलमपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है, सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी निधिन वाल्सन ने बताया कि 7 जुलाई को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के एक यात्री ने आईपी एस्टेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से टीएसआर लिया था।
यमुना ब्रिज, आईटीओ के पास चालक ने 3-4 अज्ञात यात्रियों को बिठाया। आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि उनके बैग से 20 लाख रुपये के सोने के आभूषण गायब थे। जांच टीम ने मार्ग पर लगे सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और टीएसआर की पहचान की। तकनीकी और मैनुअल निगरानी के जरिए चालक वसीम उर्फ छोटे उर्फ बंदर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपने साथियों मोहसिन, नसीम उर्फ मुन्ना, अंसार अहमद और समीना उर्फ शाहीन के नाम उजागर किए। पुलिस ने सभी आरोपियों को एक एक करके गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से एक सोने का हार, एक जोड़ी झुमके, एक सोने की चेन, एक कंगन, एक चूड़ी, आठ नकली सोने की चूड़ियां, 11,000 रुपये नकद और दो टीएसआर बरामद किए। गिरोह भीड़-भाड़ वाले इलाकों में यात्रियों को निशाना बनाता था। पुलिस इनके द्वारा अंजाम दिए गए अन्य घटनाओं की जांच कर रही है।
ईओडब्ल्यू ने तमिल अभिनेता पावरस्टार को धोखाधड़ी मामले में चेन्नई से किया गिरफ्तार, 5 करोड़ की ठगी का है मास्टरमाइंड
कई बार फरार होने के बाद चेन्नई से पकड़ा गया
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तमिल फिल्म अभिनेता और स्वयंभू डॉक्टर एस. श्रीनिवासन उर्फ पावरस्टार को 1000 करोड़ रुपये के कर्ज की आड़ में 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है। 64 वर्षीय श्रीनिवासन, जो तमिल फिल्म उद्योग में अभिनेता, निर्माता और व्यवसायी के रूप में सक्रिय हैं, 2018 से मुकदमे से फरार थे और दो बार भगोड़ा अपराधी घोषित किए जा चुके थे।डीसीपी रवि सिंह ने बताया कि 2010 में, ब्लू कोस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी को हेनरी लालरेमसांगा, दीपक बंगा, अनिल वार्ष्णेय और रमनुजा मुव्वाला ने 1000 करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने का दावा किया। उन्होंने श्रीनिवासन को बाबा ट्रेडिंग कंपनी का मालिक बताकर पेश किया। कंपनी ने कर्ज के लिए 5 करोड़ रुपये अग्रिम राशि दी, जो कथित तौर पर विशेष चिपकने वाले स्टांप खरीदने के लिए थी। न तो कर्ज मिला और न ही राशि वापस हुई।
गारंटी के रूप में दिया गया चेक भी अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया। जांच में पता चला कि श्रीनिवासन ने 5 करोड़ रुपये अपनी और अपनी पत्नी के खातों में स्थानांतरित किए, जिसमें से 50 लाख नकद निकाले गए और 4 करोड़ की सावधि जमा (एफडी) बनाई गई, जिसे जब्त कर लिया गया। पर श्रीनिवासन ने कोई स्टांप खरीदने का सबूत नहीं दिया। गिरफ्तारी के बाद वह 2013 में अंतरिम जमानत पर रिहा हुए, लेकिन केवल 3.5 लाख रुपये चुकाने के बाद फरार हो गए।
2017 में दोबारा गिरफ्तारी के बाद भी वह फिर भाग निकले। ईओडब्ल्यू की विशेष टीम ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर उन्हें 27 जुलाई को चेन्नई के गोल्डन ट्रेजर अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी ने बताया कि श्रीनिवासन, जो पावरस्टार के नाम से मशहूर हैं, तमिल फिल्मों में सहायक भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। वह चेन्नई में बाबा ट्रेडिंग कंपनी चलाते थे और छह अन्य धोखाधड़ी मामलों में भी शामिल हैं।