रांची, स्टेट डेस्क : नशे की चपेट में फंसे पंजाब पर एक चर्चित फिल्म आयी थी उड़ता पंजाब। पूरे देश के लोग हैरान रहे गये। आखिर हालात इतने कैसे बिगड़ गये। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पंजाब के बाद झारखंड और बिहार में भारी संख्या में युवा नशे की चपेट में हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से बकायदा अभियान चलाकर लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की जा रही है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तक के माथे पर पसीना आ गया है। बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान की ओर से किये गये एक सर्वे में दावा किया गया है कि झारखंड के इन तीन जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां में करीब 73 हजार युवा नशे की गिरफ्त में हैं।
संगठन की इस रिपोर्ट का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संज्ञान लिया है। संबंधित विभागों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के विशेष कार्य अधिकारी आकाश जिंदल ने संस्थान के प्रमुख सदन ठाकुर को पत्र भेजाकर बताया है कि मामले का संज्ञान में लेकर संबंधित कार्यालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। 26 जून को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जा रहा है। इस बार का थीम है “People first: stop stigma and discrimination, strengthen prevention.”। ऐसे में राज्य में नशे की बढ़ती लत शासन-प्रशासन के लिए गंभीर चिंता की वजह बन रही है।
नशे की दलदत में आखिर क्यों फंस रहीं लड़कियां
दरअसल, बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान की ओर से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले में एक सर्वे किया गया है जिसमें चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम जिले में युवा नशे की गिरफ्त में हैं। यहां कुल 30 हजार 735 युवा नशे के शिकार मिले हैं। वहीं, सरायकेला-खरसावां जिले में 27 हजार 642 व पश्चिमी सिंहभूम जिले में 14 हजार 666 किशोर नशे का सेवन करते पाए गए हैं। वहीं, इसमें लड़कियां भी अच्छी-खासी शामिल हैं। यह सर्वे उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच के युवाओं पर किया गया है।
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किस-किस तरह के नशे का हो रहा सेवन
सर्वे में चौंकाने वाली बात यह भी सामने निकलकर आई है कि युवा नशे के लिए किसी एक चीज का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे 45 से अधिक तरह के सामग्री का उपयोग करते हैं। इसमें नशीली दवा से लेकर दर्द निवारण आयोडेक्स, पेंट, पेट्रोल, हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का, तंबाकू, गुटखा, भांग, कफ सिरप कोरोक्स, ह्वाइटनर, साबुदाना पत्ती, पराग चाकलेट, इमली दाना, तितली चार्ट, केला पानी, पोस्तु, अफीम, मेंटक, आम लट्ठा, नेल पालिस, केचुआ चार्ट, पेंट, थिनर, मिट्टी तेल, पेट्रोल, हड़िया-रासी, गुलाब का फुल, शराब, बैगनपत्ता, चरस, कोकिन, ताड़ी, चिचोरी जैसे पदार्थों शामिल हैं।
किस जिले में कितने लड़के व लड़कियां करती हैं नशा
जिला : लड़का लड़की
पूर्वी सिंहभूम : 24786 5949
सरायकेला : 23387 4255
पश्चिमी सिंहभूम : 7818 6848
कुल : 55991 17052
किस वजह से नशे की दलदल में फंस रहे युवा
– घर में कोई नशा करते हैं तो उसे देखकर।
– युवावस्था में बदलाव करना चाहते हैं बच्चे।
– दोस्तों के दबाव में नशे की शुरुआत।
– अपने आदर्श व्यक्ति को देखकर नशे की शुरुआत।