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सीमावर्ती इलाकों को छोड़ मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बहाल, हिंसा थमने पर आम लोगों ने ली राहत की सांस

by Rakesh Pandey
सीमावर्ती इलाकों को छोड़ मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बहाल
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पॉलिटिकल डेस्क। करीब सात महीने लंबे अंतराल के बाद मणिपुर सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से सामान्य चल रहे हालात और लोगों की परेशानियों को देखते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को चालू करने का निर्णय किया गया है। हालांकि सीमावर्ती इलाकों में अभी मोबाइल इंटनेट पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

सीमावर्ती इलाकों को छोड़ मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बहाल

मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध विगत तीन मई को लगाया गया था। रविवार को कुछ जिलों को छोड़कर बाकी जगह इंटरनेट सेवाओं के चालू हो जाने पर लोगों में खुशी देखी गई। सीमावर्ती इलाकों के लिए 18 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध अभी जारी रहेगा। मणिपुर में हाल ही में घटित हिंसा के प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध को बहाल करने का निर्णय उस समय की विशेष परिस्थितियों का परिचायक है, जब मणिपुर में हुई जातियों के बीच हिंसा ने राज्य को वैमनस्यता की आग में धकेल दिया था।

इन इलाकों में अभी निलंबित रहेंगी सेवाएं
मणिपुर सरकार ने चंदेल, काकचिंग, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, तेंगनौपाल, और काकचिंग जिलों के बीच सेवाएं प्रदान करने वाले मोबाइल टावरों को अभी भी निलंबित रखा है। इन सीमावर्ती इलाकों में रहनेवाले लोग फिलहाल मोबाइल इंटरनेट सेवा का लाभ नहीं ले सकेंगे। हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द की पूरे मणिपुर में इंटरनेट मोबाइल सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा। सरकार की ओर से हालात पर नजर रखी जा रही है।

क्या कहा गृह आयुक्त ने
मणिपुर के गृह आयुक्त टी रंजीत की ओर से जारी की गई एक नोटिस में बताया है कि “कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने के बाद और निलंबन की लंबी अवधि के कारण जनता को होने वाली असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने निलंबन में ढील देने का निर्णय लिया है।” मणिपुर में 3 मई को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई थीं, जब ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी।

सांप्रदायिक हिंसा में 170 लोगों की हुई थी मौत
‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिसा की आग में पूरा मणिपुर जल उठा था। इस हिंसा में 170 से अधिक लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध को 23 सितंबर को कुछ समय के लिए हटा लिया गया था, लेकिन 26 सितंबर को इसे निलंबित कर दिया गया ताकि गृणित सामग्री की छवियों और वीडियो को अपलोड करने और प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया जा सके।

बता दें कि मणिपुर के विद्रोही समूह ‘यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ के साथ किए गए शांति समझौते के बाद सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है।

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