नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की सेवाओं के प्रति नाखुशी जाहिर की है। चौहान को भोपाल-दिल्ली फ्लाइट में एक टूटी हुई सीट दी गई। जब मंत्री ने पूछा कि एक टूटी हुई सीट कैसे एक पैसेंजर को दी जा सकती है, तो उन्हें बताया गया कि क्रू ने मैनेजमेंट से कहा था कि इस सीट को बेचा न जाए, फिर भी इसे बेचा गया।
शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर लिखा
शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर लिखा कि आज (22 फरवरी) मुझे भोपाल से दिल्ली आना था… मैंने एयर इंडिया फ्लाइट संख्या AI 436 की टिकट बुक की थी। मुझे सीट संख्या 8C दी गई। जब मैं बैठा तो सीट टूटी हुई और धंसी हुई थी। बैठना असहज था। आगे उन्होंने कहा कि जब मैंने एयरलाइन स्टाफ से पूछा कि एक खराब सीट क्यों दी गई, तो उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट को पहले ही बता दिया गया था कि इस सीट को ठीक नहीं किया गया है, इसकी टिकट नहीं बेची जानी चाहिए थी। केवल एक नहीं, ऐसी और भी सीटें थीं। सह-यात्रियों ने बहुत आग्रह किया कि मैं सीट बदल लूं, लेकिन मैं क्यों किसी अन्य यात्री को परेशानी दूं? मैंने तय किया कि मैं अपनी यात्रा इस सीट पर ही पूरी करूंगा।
आगे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि “मुझे विश्वास था कि टाटा प्रबंधन के तहत एयर इंडिया की सेवा में सुधार हुआ होगा, लेकिन यह मेरा भ्रम साबित हुआ। मुझे बैठने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा शुल्क लेकर उन्हें खराब और असुविधाजनक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा ताकि भविष्य में कोई यात्री ऐसी असुविधा का सामना न करे, या फिर वह यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देता रहेगा?”
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा:
एयर इंडिया केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को भोपाल से दिल्ली उनकी फ्लाइट में हुई असुविधा के लिए गहरी खेद प्रकट करता है। यह हमारी सेवा के मानक के अनुरूप नहीं है, जिसे हम अपने मेहमानों को प्रदान करने का प्रयास करते हैं और हम इस मामले की गहरी जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।
बता दें कि सप्लाई चेन में दिक्कतों के कारण एयर इंडिया के पुराने विमानों की मरम्मत अपेक्षाकृत अधिक समय ले रही है। जबकि एयरलाइन का कहना है कि इसका पूरा संकीर्ण बॉडी बेड़ा (वह फ्लाइट जो मंत्री चौहान ने ली थी) इस साल सुधार लिया जाएगा, वहीं पुराने वाइड बॉडी बेड़े – बोइंग 777 और 787 के केबिन प्रोडक्ट में सुधार करने में लगभग दो साल और लगेंगे।