नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दो पीएचडी छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के खिलाफ छात्रों ने लाइब्रेरी के पास अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई और 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें कालकाजी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
जामिया प्रशासन का बयान
जामिया प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि छात्र परिसर में शैक्षिक माहौल को बिगाड़ रहे थे और कक्षाओं को बाधित कर रहे थे। प्रशासन का कहना है कि छात्र अवैधानिक तरीके से लाइब्रेरी के बाहर हड़ताल पर बैठे थे, इसलिए उन्हें हटाया गया।
छात्रों के आरोप
छात्रों ने पुलिस पर बर्बर तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। कालकाजी थाने के बाहर धरने पर बैठे आइसा संगठन के छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से 20 छात्रों को गायब कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास कोई भी छात्र हिरासत में नहीं है।
मामला क्या है?
वर्ष 2019 में जामिया में हुई फायरिंग के विरोध में दो पीएचडी छात्रों ने एक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद छात्र अपने साथियों के साथ कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जब छात्रों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो विश्वविद्यालय ने पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और छात्रों को हिरासत में लिया।