आनंद मिश्र, जमशेदपुर/Jamshedpur Women’s University Admission Controversy: जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के वित्त पदाधिकारी इतने पावरफुल हैं कि जिद पर अड़ जाएं तो कुलपति को भी झुकना पड़ता है। इसकी वजह क्या है, यह तो नहीं पता, लेकिन वित्त पदाधिकारी डॉ. जावेद अहमद चाह लें तो नियम और प्रावधानों को ताक पर रखकर विश्वविद्यालय प्रशासन को उनकी मांग पूरी करनी पड़ती है। हाल ही में विश्वविद्यालय में नियुक्त तीन कंप्यूटर ऑपरेटर में उनकी एक बेटी का भी नाम शामिल है।
वहीं विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो इससे पहले पीएचडी के एडमिशन में भी डॉ. जावेद अहमद ने अपने पद का फायदा उठाया था। उनकी जिद और हंगामे के बाद मजबूर होकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को उनकी बेटी का एडमिशन पीएचडी में लेना पड़ा था। ऐसा तब किया गया, जब उनकी बेटी की तुलना में एक अन्य छात्रा के नेट में अधिक अंक थे।
Jamshedpur Women’s University Admission Controversy: क्या है मामला
विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो डॉ. जावेद अहमद की पुत्री गुलिस्तां जावेद का नेट में प्राप्तांक 99.25 परसेंटाइल था। वहीं रंजना नामक एक अन्य छात्रा का नेट में प्राप्तांक 99.87 परसेंटाइल था। प्राप्तांक देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एडमिशन में प्राथमिकता रंजना को मिलनी चाहिए थी ।
अंग्रेजी विषय में पीएचडी के लिए सीट एक ही थी। इसे ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर सह पीएचडी एडमिशन प्रभारी डॉ. सुधीर कुमार साहू ने रंजना के एडमिशन की सारी प्रक्रिया लगभग पूरी कर दी थी। इस बीच डॉ. जावेद अहमद कुलपति के सामने अपनी बेटी के एडमिशन के लिए जिद पर अड़ गए। बताया यह भी जाता है कि इसे लेकर उन्होंने हंगामा भी किया।
अंततः विवश होकर कुलपति ने मौखिक रूप से डॉ. साहू को गुलिस्तां जावेद का एडमिशन लेने का आदेश दे दिया। हालांकि इस पर भी डॉ. साहू ने एतराज जताते हुए कहा कि भविष्य में यदि जांच हुई तो जवाबदेही उन पर आ जाएगी। बावजूद कुलपति ने अपना मौखिक आदेश जारी रखा। अपने अधिकारी का आदेश मानते हुए डॉ. साहू ने किसी तरह इधर-उधर करके वित्त पदाधिकारी की पुत्री का एडमिशन ले लिया।
Jamshedpur Women’s University Admission Controversy: छात्र ने जताया था विरोध
वित्त पदाधिकारी की पुत्री का एडमिशन होने के बाद रंजना नामक छात्रा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के समक्ष विरोध भी जताया था। हालांकि इसके बावजूद उसे एडमिशन नहीं मिल सका।
Jamshedpur Women’s University Admission Controversy: रजिस्ट्रेशन अभी बाकी, जांच की जरूरत
बताया जाता है कि पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया महीनों पूर्व पूरी हो चुकी है। लेकिन अभी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। अभी तो प्रोविजनल एडमिशन हुए हैं। एडमिशन का फाइनल होना अभी बाकी है। ऐसे में यदि इस मामले की जांच करा दी जाए तो एडमिशन की असल हकदार छात्रा को उसका हक मिल जाएगा।
Jamshedpur Women’s University Admission Controversy: 60 वर्ष की उम्र के बाद भी एफओ को एक्सटेंशन!
एक आश्चर्यजनक बात यह भी है कि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी प्रशासन वित्त पदाधिकारी (एफओ) डॉ. जावेद अहमद पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। कोल्हन विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ. पीके पाणी के पद पर रहते हुए 60 वर्ष की उम्र होने पर राजभवन की ओर से सवाल खड़े कर दिए गए थे। वहीं 60 वर्ष की उम्र होने के बाद भी जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की ओर से कार्यकाल विस्तार के लिए वित्त पदाधिकारी डॉ. जावेद अहमद का नाम जरूर भेजा जाता है। पिछले ही दिनों उन्हें कार्यकाल विस्तार मिला है।
कोट
इस संबंध में मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता हूं। इस मामले को छोड़ ही दिया जाए, तो बेहतर है।
– डॉ. सुधीर कुमार साहू, प्रॉक्टर सह पीएचडी एडमिशन इंचार्ज, जेडब्ल्यूयू
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