नई दिल्ली : कांग्रेस के महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक होने वाला है, जो राज्य की समृद्धि और ‘‘जल-जंगल-जमीन’’ की रक्षा के लिए निर्णायक साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव आदिवासी समुदायों और वनवासी क्षेत्रों के अधिकारों के लिए एक अहम मोड़ होगा।
आदिवासी समुदाय के अधिकारों का संरक्षण: कांग्रेस का ऐतिहासिक कदम
रमेश ने 2006 में कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए वन अधिकार अधिनियम को याद करते हुए कहा कि इस अधिनियम ने आदिवासी और वनवासी समुदायों को अपनी भूमि और संसाधनों पर अधिकार प्रदान किया। उन्होंने बताया कि यह कानून झारखंड के वनवासी समुदायों के लिए वरदान साबित हुआ, जो दशकों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे।
रमेश ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन संरक्षण संशोधन अधिनियम पेश किया, जिससे आदिवासी समुदायों की प्रगति पर आंच आई। नए कानून के तहत 2006 के वन अधिकार अधिनियम को कमजोर किया गया, जो स्थानीय समुदायों को उनकी सहमति के बिना विशाल क्षेत्रों में वन मंजूरी देने की अनुमति देता है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री का उद्देश्य हमारे जंगलों तक पहुंच को अपने कॉरपोरेट मित्रों के लिए खोलना है, जैसा कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में देखा गया है।”
कांग्रेस का आदिवासी संकल्प: राहुल गांधी की प्राथमिकताएं
रमेश ने कहा कि कांग्रेस का आदिवासी संकल्प, जिसे राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो’ न्याय यात्रा के दौरान 12 मार्च, 2024 को नंदूरबार में घोषित किया था, प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। इसके तहत कांग्रेस ने वन अधिकार अधिनियम के लंबित दावों को निपटाने, अस्वीकृत दावों की पारदर्शी समीक्षा करने और आदिवासी विरोधी संशोधनों को वापस लेने की वचनबद्धता की है।
रमेश ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वन अधिकार अधिनियम का निष्पक्ष और ईमानदारी से क्रियान्वयन हो, जिससे आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा हो सके। इसके अलावा, उन सभी बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा, जहां अनुसूचित जनजातियां सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं।”
झारखंड चुनाव: समृद्धि और खुशहाली का भविष्य तय होगा
रमेश ने कहा, “झारखंड विधानसभा चुनाव राज्य के जल, जंगल और जमीन की निरंतर समृद्धि और खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। यह चुनाव तय करेगा कि झारखंड का भविष्य कैसा होगा और आदिवासी समुदायों के अधिकारों का क्या होगा।” उनका यह बयान 13 नवंबर को पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों के लिए मतदान के बाद आया। चुनाव का अंतिम चरण 20 नवंबर को होगा, और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
आदिवासी अधिकारों के लिए कांग्रेस का संकल्प
कांग्रेस ने अपने आदिवासी संकल्प के तहत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया है, जिसमें वन अधिकार अधिनियम के दावों को निपटाना, आदिवासी विरोधी संशोधनों को वापस लेना और वन क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों की सहमति की जरूरत को सुनिश्चित करना शामिल है। रमेश ने कहा, “हमारा उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें न्याय दिलाना है, जिससे झारखंड की खुशहाली और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।”
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