गोरखपुर : बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए गोरखपुर रेलवे पुलिस ने ट्रेनों और रेलवे स्टेशन सहित प्रमुख बाजारों से लोगों का मोबाइल फोन चुराने वाले झारखंड के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये सभी मोबाइल फोन चुराकर नेपाल और बांग्लादेश में बेचा करते थे। जीआरपी ने गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है, इनमें एक नाबालिग भी है। दिलचस्प बात यह है कि शातिर मोबाइल चोरों का यह गैंग छोटे बच्चों से मोबाइल चोरी कराता था। सरगना मनोज मंडल ने दोनों भाइयों को 15 हजार सैलरी पर मोबाइल चोरी का काम दे रखा था। दोनों का काम मोबाइल चुराकर सरगना के पास लाना था।
10 लाख कीमत के 44 फोन बरामद
आरोपितों के पास से पुलिस ने चोरी के करीब 10 लाख रुपये कीमत के 44 महंगे मोबाइल फोन, तमंचा, कारतूस और चाकू सहित अन्य सामान बरामद किए हैं। केस दर्ज कर पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। एसपी जीआरपी संदीप कुमार मीना ने बताया कि ट्रेनों से लेकर प्लेटफार्म तक मोबाइल चोरी की घटनाएं इधर अचानक बढ़ गईं थी। इसे देखते हुए जीआरपी की सर्विलांस टीम को सक्रिय किया गया था। एसएचओ जीआरपी थाना गोरखपुर विजय कुमार सिंह की अगुवाई में टीम ने चोरों की तलाश शुरू की।
इसी बीच शुक्रवार सुबह टीम ने रेलवे स्टेशन के घड़ी गेट के सामने खड़े भाप इंजन के पास एक नाबालिग सहित तीन लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया। तलाशी में उनके पास से कई मोबाइल फोन मिले। पूछताछ में पता चला कि सभी फोन चोरी के हैं। आरोपितों की पहचान झारखंड प्रांत के जिला साहबगंज, तलझाड़ी थाना क्षेत्र के महराजपुर निवासी मनोज मंडल, उसके साथी तीन पहाड़ निवासी करन कुमार और एक नाबालिग साथी के रूप में हुई।
भीड़-भाड़ वाले इलाके को बनाते थे निशाना
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ट्रेनों और आसपास के जिलों में मोबाइल या अन्य सामान की चोरी करते थे। रेलवे स्टेशन के पास और भीड़भाड़ वाले बाजारों में आने-जाने वालों को निशाना बनाते थे। संतकबीरनगर में लगने वाला कपड़े का बरदहिया बाजार, महराजगंज का परतावल बाजार, कुशीनगर का हाटा बाजार, कुसम्ही बाजार और बस स्टेशन इनके निशाने पर रहता था। आरोपितों ने दुर्गाबाड़ी में किराए पर कमरा भी ले रखा था। सरगना मनोज मंडल हमेशा किसी न किसी ऑटो के पास रहता था। तीनों एकदूसरे के संपर्क में रहते थे।
सितंबर में भी पकड़ा गया था इसी गांव का गैंग
एसपी ने बताया कि जीआरपी ने सितंबर में भी 120 मोबाइल के साथ एक गैंग को पकड़ा था। वह गैंग भी झारखंड प्रांत के उसी गांव का था, जिस गांव के ये आरोपित हैं। इस गांव के लोग गैंग बनाकर चोरी की घटना को अंजाम देते हैं। उन्होंने बताया कि गैंग के सदस्य जनरल टिकट लेकर ट्रेन में यात्रा करने के लिए चढ़ते थे। पहले वह एसी कोच में रेकी करते थे। भोर में वह एसी डिब्बे में घुस जाते थे। सोते समय यात्रियों का मोबाइल और कीमती सामान चोरी कर लेते थे।