पटना : बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) ने अपना विकराल रूप दिखाया है। लोग बेघर हैं। उनके घर-खेत सब जलमग्न हैं। नेपाल में भारी बारिश हुई और सारा पानी बिहार में घुस गया। बिहार के 16 लाख से भी अधिक जिले बाढ़ की चपेट में हैं। दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया और बगहा जैसे जिलों की हालत बदतर है। बीते कुछ घंटे में कई राज्यों के तटबंध टूट चुके हैं।
कई बांधें टूट चुकी हैं
पूरे राज्य में NDRF की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है। सभी नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। हालात बेकाबू हो रहे हैं। सरकार की ओर से NDRF के 12 दल और SDRF की 22 टीमें राहत कार्यों में लगी हुई हैं। हालांकि कई छोटी नदियों में जलस्तर घटा है, पर हालात में कोई सुधार नहीं है। स्थानीय खबरों की मानें तो सोमवार को रात 12.45 बजे दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के पास सहरसा नदी का बांध टूट गया है। मोतिहारी के पास सुगौली में भी रिंग बांध टूट चुका है।
राज्य की बागमती नदी भी 22 सालों बाद अपने उफान पर है, जिससे तीन बांधें टूट चुकी हैं। पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी का भी बांध टूट चुका है, जिससे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी बाढ़ के हालात हैं। शिवहर के पास एक बांध टूटने से 10 जिले के 30 गांव उसकी चपेट में आ गई हैं। सुपौल, बगहा, बेतिया, सहरसा, गोपालगंज में सैकड़ों घर डूब चुके हैं। रक्सौल-सीतामढ़ी के रेल रूट के गुरहनवा हॉल्ट पर लोग रुके हुए हैं। दरभंगा के 50 से अधिक गांवों के 2 लाख के करीब लोग प्रभावित हैं।
इन इलाकों में किसानों के फसलों का नुकसान
अभी बाढ़ के बाद आकलन किया जाएगा कि वास्तव में कितना नुकसान हुआ। अनुमान है कि करीब 7000 हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पूर्ण आकलन के बाद किसानों को मुआवजा दिया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा पीड़ितों में फूड पैकेट्स बांटे जा रहे हैं। बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि पूरे राज्य में तटबंध टूटने की 6 घटनाएं सामने आई हैं। उनमें मरम्मत का काम चल रहा है। कई की मरम्मत की जा चुकी है। 106 इंजीनियरों को संवेदनशील व अतिसंवेदनशील जगहों की निगरानी के लिए भेजा गया है।
गृह मंत्रालय द्रारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गंडक, बागमती, धारधा, गंगा, बूढ़ी गंगा, कोसी, अधवार, कमला बलान, कमला, महानंदा, परमान और फुल्हर नदीं में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है। लेकिन बीते 29 सितंबर से बिहार में समान्य से 205 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इस बारिश से 16 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार में 70 सालों से हजारों तटबंध बन रहे हैं, लेकिन ये तमाम उपाय फिलहाल फेल दिख रहे हैं।
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है औऱ पुरानी मांग को फिर से दोहराया है। इस बार की भयावह बाढ़ को देखते हुए केंद्र से गंडक, कोसी व बागमती पर एक-एक बराज की भी मांग की गई है।