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Lohardaga News: लोहरदगा में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा, 1100 से ज्यादा जारी

इन फर्जी प्रमाण पत्रों में कई अलग-अलग जिलों के उपनामों का इस्तेमाल किया गया है.

by Reeta Rai Sagar
Officials investigating fake birth certificate scam in Hisari Panchayat, Lohardaga
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  • 2020 से 2022 के रजिस्ट्रेशन पर मार्च 2025 में जारी हुए फर्जी सर्टिफिकेट, 7 जिलों के नाम आए सामने

Lohardaga (Jharkhand): लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड की हिसरी पंचायत में एक सनसनीखेज फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां वर्ष 2020 से 2022 के बीच हुए रजिस्ट्रेशन के आधार पर मार्च 2025 में बड़ी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये प्रमाण पत्र झारखंड के विभिन्न जिलों – खूंटी, रांची, पाकुड़, सरायकेला-खरसांवा, हजारीबाग और दुमका के लोगों के नाम पर बनाए गए हैं।

1100 से ज्यादा फर्जी प्रमाण पत्र, कई जिलों के उपनाम शामिल

हिसरी पंचायत से जारी इन फर्जी प्रमाण पत्रों की संख्या 1100 से भी अधिक बताई जा रही है। पंचायत के मुखिया रवि उरांव ने इस गोरखधंधे का खुलासा करते हुए बताया कि इन प्रमाण पत्रों में जिन व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं, उनका न तो हिसरी पंचायत से कोई संबंध है और न ही उनका जन्म यहां हुआ है। इन फर्जी प्रमाण पत्रों में कई अलग-अलग जिलों के उपनामों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें हमजा, कुरैशी, कुंडूलना, टुडू, यादव, वर्मा, हेंब्रम, मरांडी, मांझी, बेदिया जैसे नाम शामिल हैं। यह संगठित तरीके से किए गए इस फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है।

मुखिया की शिकायत पर डीसी ने दिए जांच के आदेश, पंचायत सचिव निलंबित

मुखिया रवि उरांव ने इस गंभीर घोटाले की जानकारी सबसे पहले पंचायती राज पदाधिकारी को दी थी, लेकिन जब वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने लोहरदगा के उपायुक्त डॉ. कुमार ताराचंद को लिखित शिकायत सौंपते हुए फर्जी प्रमाण पत्रों की प्रतियां भी उपलब्ध कराईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त डॉ. कुमार ताराचंद ने तुरंत जिला स्तरीय जांच टीम का गठन कर दिया है। इसके साथ ही, हिसरी पंचायत के सचिव को तत्काल प्रभाव से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

डीसी ताराचंद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन इस पूरे मामले को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि यह पाया जाता है कि फर्जी प्रमाण पत्र दूसरे जिलों के लोगों के नाम पर जारी किए गए हैं, तो विस्तृत जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरा मामला : कब और कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

  • फर्जीवाड़ा कब हुआ : 2020 से 2022 के रजिस्ट्रेशन में
  • फर्जी प्रमाण पत्र कब जारी हुए : मार्च 2025 में
  • जारी प्रमाण पत्रों की संख्या : 1100 से अधिक
  • संबंधित जिले : खूंटी, रांची, पाकुड़, सरायकेला-खरसांवा, हजारीबाग, दुमका
  • शामिल उपनाम : हमजा, कुरैशी, कुंडूलना, टुडू, यादव, वर्मा, हेंब्रम, मरांडी, मांझी, बेदिया
  • खुलासा किसने किया : मुखिया रवि उरांव
  • कार्रवाई क्या हुई : जांच टीम गठित, पंचायत सचिव का ट्रांसफर

इस बड़े फर्जीवाड़े ने पंचायत स्तर पर दस्तावेजों की प्रमाणिकता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच टीम अब इस पूरे मामले की तह तक जाने और दोषियों को पकड़ने में जुट गई है।

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