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59.37% स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहा लोहरदगा, खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, धनबाद और जामताड़ा को भी शीर्ष पांच में स्थान
रांची: झारखंड के पंचायती राज विभाग द्वारा गुरुवार को रांची में राज्य स्तरीय प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय रहा — पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) पर प्रदर्शन। इस सूचकांक में लोहरदगा जिला ने 59.37 प्रतिशत स्कोर हासिल कर पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
टॉप 5 जिलों की सूची
- लोहरदगा – 59.37%
- खूंटी – 59.27%
- पश्चिम सिंहभूम – 56.48%
- धनबाद – 54.15%
- जामताड़ा – 53.91%
वहीं सरायकेला-खरसावां ने सबसे कम स्कोर 42.36% के साथ राज्य में निचला स्थान प्राप्त किया है।
लोहरदगा को मिला सम्मान, टीम वर्क को सराहा। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पंचायती राज विभाग की निदेशक बी. राजेश्वरी ने लोहरदगा के उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत और जिला परिषद अध्यक्षा रीना कुमारी को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर लोहरदगा के उपायुक्त डॉ. कुमार ताराचंद ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और कार्यरत कर्मियों को बधाई दी और कहा कि,
“यह जिले की टीम वर्क और प्रतिबद्धता का परिणाम है। हम आने वाले समय में अन्य सूचकांकों में भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी पंचायतों को विकास की मुख्यधारा में लाएंगे।”
“टीम को समर्पित है यह उपलब्धि” – उप विकास आयुक्त
उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने इस अवसर पर अपनी पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि,
“यह सम्मान हम सभी की मेहनत का प्रतिफल है, और हम आगे भी ग्रामीण विकास की दिशा में और बेहतर कार्य करेंगे।”
क्या है पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI)?
पंचायतों की स्थानीय शासन में मजबूती और स्थायी विकास लक्ष्यों (SDGs) को धरातल पर लागू करने की दिशा में यह एक परिवर्तनकारी उपकरण है। भारत की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रगति को 9 प्रमुख विषयों पर मापा जाता है:
1. गरीबी मुक्त एवं आजीविका युक्त पंचायत
2.स्वस्थ पंचायत
3.बाल-अनुकूल पंचायत
4.जल-पर्याप्त पंचायत
5.स्वच्छ और हरित पंचायत
6.आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत
7.सामाजिक रूप से न्यायसंगत पंचायत
8.सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत
9.महिला-अनुकूलित पंचायत
यह सूचकांक वैश्विक लक्ष्यों को ग्रामीण वास्तविकताओं से जोड़ने का कार्य करता है, जिससे पंचायतों को अपनी स्थानीय नीतियों और विकास कार्यों को दिशा देने में सहायता मिलती है।
लोहरदगा की उपलब्धि बनी राज्य की प्रेरणा
लोहरदगा जिले की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि स्थानीय प्रशासनिक समन्वय, नीतिगत पारदर्शिता और जन सहभागिता के माध्यम से कैसे ग्रामीण विकास को नई ऊंचाई दी जा सकती है।
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