लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो नेटवर्क का दायरा और बढ़ने जा रहा है। चारबाग से बसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर को वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है। अब केवल केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति बाकी है, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। परियोजना का काम लगभग 4 से 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा, जिससे शहर के एक बड़े हिस्से को मेट्रो कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
चारबाग से बसंतकुंज मेट्रो रूट
- कुल लंबाई: 11.165 किलोमीटर
- निर्माण लागत: ₹5801 करोड़
- नया रूट जोड़ने के बाद कुल मेट्रो नेटवर्क: 35 किमी (वर्तमान में 23 किमी)
- एलिवेटेड सेक्शन: 4.286 किमी
- भूमिगत सेक्शन: 6.879 किमी
- कुल स्टेशन: 12 (7 भूमिगत, 5 एलिवेटेड)
पीआईबी की मंजूरी, अब कैबिनेट की बारी
पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) से वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर को केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा गया है। मार्च 2024 में यूपी सरकार पहले ही इस रूट की डीपीआर को मंजूरी दे चुकी है। इसके पहले जुलाई 2023 में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप से भी इसे स्वीकृति मिल चुकी थी।
यह होंगे भूमिगत मेट्रो स्टेशन
- चारबाग
- गौतम बुद्ध मार्ग (लाटूश रोड)
- अमीनाबाद
- पांडेयगंज
- सिटी स्टेशन
- मेडिकल कॉलेज चौराहा
- चौक
यह होंगे एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन
- ठाकुरगंज
- बालागंज
- सरफराजगंज
- मूसाबाग
- बसंतकुंज
चारबाग बनेगा इंटरचेंज स्टेशन
चारबाग स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन की भूमिका निभाएगा, जहां से यात्री दोनों मेट्रो लाइनों के बीच ट्रांसफर कर सकेंगे। इस विस्तार से अमीनाबाद, ठाकुरगंज, चौक जैसे घने इलाकों को बेहतर मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी, जो वर्तमान में पर्याप्त परिवहन सुविधा से वंचित हैं।
जल्द शुरू होगा निर्माण
यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के अनुसार, “पहले फेज की तरह इस बार भी मेट्रो निर्माण कार्य को निर्धारित समय से पहले पूरा करने का प्रयास होगा। आवश्यक रिसर्च और ग्राउंडवर्क पहले ही पूरा कर लिया गया है।”
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