भोपालः झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में महिलाओं को टारगेट कर योजनाएं बनाई गई और उसी के दम पर चुनाव जीते भी गए, फिर चाहे वो कोई भी दल हो। लाडली लक्ष्मी योजना, मइंया योजना और लाडकी बहिन योजना इसके उदाहरण है। चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाने वाली राजनीतिक पार्टियां अब इसी खर्च के बोझ तले दब रही है। इस बात को आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी कबूली।
आय के साधनों को बढ़ाने पर जोर
राजनीतिक विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र में भी फड़नवीस सरकार के लिए इसे चुनौती बताया था। क्यों कि महाराष्ट्र पहले ही करोड़ों के कर्ज तले दबा हुआ है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना का भार तो बढ़ रहा है, लेकिन सरकार अपने आय के साधनों को बढ़ाने पर जोर दे रही है। हांला कि सीएम ने आशावस्त किया कि बहनों से जुड़ी कोई भी योजना बंद नहीं होगी।
19 हजार 212 करोड़ जनता के खाते में
मोहन यादव भोपाल में अपनी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने महिला सशक्तिकरण की योजनाओं पर कहा कि राज्य में 26 लाख लाडली बहनों को गैस सिलिंडर की रिफीलिंग के लिए 450 रुपये दिए जा रहे है। 1 करोड़ 29 लाख लाडली बहनों को अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि हम मानते है कि भार बढ़ रहा है, लेकिन हम आय के स्त्रोत बढ़ाने पर जोर दे रहे है।
आगे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमने इस दिशा में काम किया है कि हमारी सारी जनकल्याणकारी योजनाएं खासतौर से बहनों की योजनाओं को लेकर हम आगे बढ़ाते रहें।
कई परियोजनाओं की रखी नींव
मोहन यादव ने गुरुवार को अलीराजपुर जिले में 1,700 करोड़ रुपये की सोंडवा लिफ्ट सिंचाई परियोजना सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। अलीराजपुर के 169 गांवों में 55,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना को इस साल जुलाई की शुरुआत में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। अपने दौरे के दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग, लोक सेवा अभियंत्रण विभाग और कई अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं के लिए भूमि पूजन भी की।
शिवराज सिंह चौहान की जगह ली थी मोहन यादव ने
उज्जैन (दक्षिण) से तीन बार के विधायक रहे मोहन यादव को 11 दिसंबर, 2023 को बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया था और 13 दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में भारी जनादेश के साथ बीजेपी के सत्ता में वापस आने के बाद, राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान की जगह ली थी, जो कि अब केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं।