प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 जो दुनियाभर से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है, इस बार एक नई और डिजिटल रूप से सशक्त पहल के साथ आयोजित किया जाएगा। प्रयागराज में हर 12 साल में होने वाला यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अब यह तकनीकी उत्कृष्टता का भी प्रतीक बनने जा रहा है। इसके लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने कई अहम कदम उठाए हैं, ताकि मेला क्षेत्र में संचार सेवाओं को और बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके।
दूरसंचार सेवाओं में विस्तार
महाकुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, दूरसंचार विभाग ने व्यापक तैयारियां की हैं। इस बार मेला क्षेत्र, प्रयागराज शहर और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर दूरसंचार सेवाओं का दायरा काफी बढ़ाया गया है। इसके लिए 900 नए बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) लगाए गए हैं, और 1,550 से अधिक मौजूदा बीटीएस को अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा, 300 किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर (ओएफसी) केबल बिछाई गई है, ताकि हाई-स्पीड इंटरनेट और बेहतर नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।
भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में 78 ट्रांसपोर्टेबल टावर
साथ ही, मेला क्षेत्र की भीड़-भाड़ को ध्यान में रखते हुए 78 ट्रांसपोर्टेबल टावर और 150 छोटे सेल समाधान तैनात किए गए हैं, ताकि लाखों श्रद्धालुओं को मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की समस्या का सामना न करना पड़े। ऐसे में भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी लोग आसानी से इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे।
आपदा प्रबंधन और सुरक्षा
मेला क्षेत्र में आपात स्थिति से निपटने के लिए तीन विशेष आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र नवीनतम तकनीक से लैस होंगे, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में एक सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सुविधा भी स्थापित की गई है, जो किसी भी आपदा या चेतावनी संदेश को तेजी से प्रसारित करेगी।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए मेला क्षेत्र में 53 हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इन हेल्प डेस्क से श्रद्धालु संदिग्ध संचार की रिपोर्ट कर सकेंगे और खोए हुए मोबाइल को ब्लॉक करने जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, नेटवर्क सेवाओं को और सुरक्षित बनाने के लिए विकिरण परीक्षण भी किया गया है।
सार्वजनिक स्थानों पर ध्यान
महाकुंभ मेला के दौरान प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डे और मुख्य राजमार्गों पर भी दूरसंचार सेवाओं का विस्तार किया गया है। इन हाई-ट्रैफिक क्षेत्रों में नेटवर्क सेवा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर विकसित किए गए हैं, ताकि यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
डिजिटल सेवाओं का प्रचार
महाकुंभ मेला 2025 के दौरान डिजिटल सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। श्रद्धालु अब अपने मोबाइल फोन से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे और धार्मिक अनुष्ठानों की लाइव स्ट्रीमिंग का आनंद ले सकेंगे। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि डिजिटल युग में भारत की तकनीकी क्षमता को भी दर्शाएगी।
मिलेगा विश्वस्तरीय अनुभव
महाकुंभ मेला 2025 के दौरान की जा रही यह पहल न केवल बेहतर संचार सेवाएं प्रदान करेंगी, बल्कि यह भारत के तकनीकी और डिजिटल दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित करेगी। यह आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ डिजिटल आधुनिकता का अनुभव भी प्रदान करेगा।
दूरसंचार विभाग और सेवा प्रदाताओं की यह कोशिश महाकुंभ मेला 2025 को एक अविस्मरणीय और समृद्ध अनुभव बनाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए एक नई और उन्नत यात्रा का प्रतीक बनेगा।