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Chhattisgarh के पूर्व मुख्यमंत्री ने महादेव ऐप को लेकर दिया बयान, ईडी पर लगाए गंभीर आरोप

by The Photon News Desk
Mahadev App
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रायपुर: Chhattisgarh Mahadev App Issue: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने Mahadev App मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में उनके नाम के उल्लेख को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने जांच एजेंसी पर अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा की भाजपा गंदी राजनीति पर उतर आयी है। उनके नेता किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।

ईडी ने क्या कहा था अपने दूसरे आरोप पत्र में

ईडी ने एक जनवरी को रायपुर में धन शोधन मामले की विशेष अदालत में दायर अपनी दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) में कहा कि Mahadev App मामले में एक कथित कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया गया था, जिसने दावा किया था कि उसे बघेल को नकदी डिलीवर करने के लिए भेजा गया था। आरोप पत्र के मुताबिक दास ने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम है। बघेल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी पोस्ट में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।

Mahadev App: राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही ईडी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है और उनसे दबाव पूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है। इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है।

बघेल ने कहा कि जिस असीम दास के पास से रुपये बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।

भाजपा सरकार ईडी पर गलत करने के लिए बना रही दबाव

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपये बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी। ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले वाला बयान वापस ले लिया है। हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है।

मैने खुद शुरू कराई थी जांच : बघेल

बघेल ने लिखा है कि Mahadev App के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है।

Mahadev App के जरिये कांग्रेस को बदनाम कर रही भाजपा

बघेल ने लिखा है कि Mahadev App के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है। ईडी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले पिछले नवंबर में रायपुर के एक होटल से कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था।

इसमें दावा किया गया था, ”दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) को Mahadev App के प्रवर्तकों द्वारा छत्तीसगढ़ के आगामी चुनाव में खर्च करने के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी।

गिरफ्ता आरोपी ने कहा था- किसी को नहीं दी नकदी

पिछले साल के अंत में अदालत में पेशी के दौरान असीम दास ने कहा था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी किसी को नकदी नहीं दी थी। ईडी ने अब अपने दूसरे आरोप पत्र में सूचित किया है कि दास ने पिछले साल 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज किया था जिसमें वह अपने (दास के) साथ आए किसी व्यक्ति के प्रभाव में अपने तीन नवंबर के बयान से पीछे हट गए थे।

ईडी असीम दास पर दबाव डाल दिलवा रही बयान

दास ने अब ईडी को बताया है कि उस व्यक्ति ने उसे एक टाइप किया हुआ दस्तावेज़ दिया और इसे अपनी लिखावट में दोबारा लिखने के लिए कहा। ईडी ने बताया कि दास ने कहा है कि पिछले साल तीन नवंबर को एजेंसी को दिया गया उसका पहला बयान सच्चा और सही था, जिसमें उसने बघेल का नाम लिया था। अपने नवंबर के बयान में दास ने ईडी को बताया था कि Mahadev App के प्रवर्तक शुभम सोनी ने उसे अक्टूबर 2023 में दुबई बुलाया था और कहा था कि उसे ‘‘नकदी प्रदान की जाएगी जिसे भूपेश बघेल को दिया जाना था।

रायपुर की अदालत द्वारा दूसरे आरोप पत्र पर 10 जनवरी को संज्ञान लिए जाने की उम्मीद है। पिछले साल दाखिल पहले आरोप पत्र में ईडी ने कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित अन्य को नामित किया था।

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