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सीबीएसई भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा: 15 लाख रुपये में पास कराने का सौदा, दक्षिण दिल्ली पुलिस ने चार आरोपी दबोचे

by Neha Verma
CBSC
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नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली पुलिस की सीआर पार्क थाना टीम ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की सुपरिटेंडेंट और जूनियर असिस्टेंट भर्ती परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो परीक्षा में उम्मीदवारों को पास कराने के लिए 15 लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे। इस रैकेट के तहत उम्मीदवारों को ‘मुन्ना भाई’ (प्रतिरूपणकर्ता) और तकनीकी उपकरणों की सहायता उपलब्ध कराई जाती थी।

गिरफ्तारी और बरामद सामान


पुलिस ने इस मामले में सचिन, नितिन, बलजिंदर और श्याम सुंदर को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से चार जीएसएम ब्लूटूथ डिवाइस, चार मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक कार, ओएमआर शीट, प्रवेश पत्र और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। डीसीपी (दक्षिण जिला) अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।

फर्जीवाड़े का खुलासा ऐसे हुआ


20 अप्रैल को ग्रेटर कैलाश-2 क्षेत्र के एक स्कूल में सीबीएसई की भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही थी। परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक जांच में सामने आया कि नितिन की जगह सचिन परीक्षा दे रहा था। स्कूल सुपरिटेंडेंट की शिकायत पर पुलिस ने मौके पर ही सचिन और नितिन दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान बलजिंदर और श्याम सुंदर की संलिप्तता भी उजागर हुई।

फर्जीवाड़े का तरीका


पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम करता था। वे अभ्यर्थियों से भारी भरकम रकम लेकर उनके लिए नकली परीक्षार्थी (मुन्ना भाई) नियुक्त करते थे। परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ डिवाइस और मोबाइल फोन के माध्यम से परीक्षा केंद्र के बाहर से उत्तर भेजे जाते थे। प्रश्न पत्र हल करने और नकल सामग्री तैयार करने के लिए लैपटॉप का उपयोग किया जाता था। बायोमेट्रिक पहचान को चकमा देने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया जाता था। भुगतान नकद और डिजिटल माध्यम, जैसे पेटीएम, के जरिए स्वीकार किया जाता था।

आरोपियों का प्रोफाइल

  • सचिन: हरियाणा के रोहतक का रहने वाला है। इससे पहले भी राजस्थान में प्रतिरूपण के एक मामले में वांछित है।
  • नितिन: हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी है।
  • बलजिंदर और श्याम सुंदर: दोनों हरियाणा के रहने वाले हैं और इस रैकेट को संगठित करने में अहम भूमिका निभाते थे।

रैकेट का नेटवर्क


डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान तक फैला हुआ है और पहले भी कई भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस ने दिल्ली और हरियाणा में इस रैकेट से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश के लिए छापेमारी अभियान तेज कर दिया है।

पुलिस की कार्रवाई जारी


पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है और जल्दी ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले में एक व्यापक जांच जारी है ताकि इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।

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