सेंट्रल डेस्कः भारत के साथ अपने रिश्तों को सुधारने की कड़ी में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू 5 वर्षीय भारत दौरे पर है। बीते वर्ष इंडिया आउट का नारा लगाकर सियासी दांवपेंच खेलने वाले मोइज्जू ने भारत को धन्यवाद कहा है और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में भारत से औऱ अधिक पर्यटक मालदीव आएंगे।
पिछले साल नवंबर में मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही मालदीव की हालत खस्ता है। खराब अर्थव्यवस्था के कारण मालदीव विदेशी कर्ज का भी सामना कर रहा है। दौरे के दूसरे दिन मोइज्जू पीएम नरेंद्र मोदी से मिले। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने भारत की मदद से तैयार किए गए नवनिर्मित मालदीव के हनीमाधू इंटरनेशनल एय़रपोर्ट का वर्चुअली उद्घाटन किया।
साथ ही मालदीव में भारत के RUPAY कार्ड को भी लांच किया गया, जिससे मालदीव जाने वाले पर्यटकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। पीएम ने 700 सोशल हाउसिंग यूनिट्स भी मोइज्जू को सौंपा। मालदीव को आर्थिक संकट से उबारने के लिए भारत ने आपसी कारोबारी संबंध बढ़ाने का भी फैसला किया है। इसके लिए मालदीव के अड्डू और भारत के बेंगलुरू में वाणिज्यिक दूतावास खोलने की पहल की।
PM मोदी ने मोइज्जू को आश्वासन दिया कि वे मालदीव की मदद के लिए एक और वर्ष के लिए 50 मिलियन डॉलर का ट्रेजरी बिल पेश करेगा। दोनों नेताओं ने मुक्त व्यापार बिल पर भी हामी भरी। पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए मोइज्जू ने कहा कि भारत एक प्रमुख भागीदार है, जरूरत के समय हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है।
आगो मोइज्जू ने कहा कि भारतीय पर्यटक मालदीव में आमदनी का स्त्रोत है। मुझे उम्मीद है कि मालदीव और अधिक पर्यटकों का स्वागत करेगा। पीएम मोदी ने मोइज्जू को पड़ोसी देशों के प्रति नेबरहुड फर्स्ट नीति औऱ सागर के बारे में बताते हुए कहा कि दो मुल्कों के बीच संबंध गहरे होने चाहिए। पीएम ने कहा कि हमने मालदीव की जरूरतों का ध्यान रखते हुए काम किया है।
इस साल SBI ने मालदीव की ट्रेजरी बेंच को 100 मिलियन डॉलर का रोलओवर किया। इसके साथ ही मालदीव की जरूरतों के अनुसार, 400 मिलियन डॉलर और 3000 करोड़ रुपये के करेंसी स्वैप समझौते पर भी साइन किए गए।
भारत-मालदीव रिश्ते में खटास तब आ गई थी, जब मालदीव के राष्ट्रपति ने इंडिया आउट का नारा लगाते हुए राष्ट्रपति पद जीता था। मदद के लिए पहुंचे 72 भारतीय सैनिकों को भी निकालने की कवायद शुरू कर दी थी। इसके बाद पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की और भारतीयों से वहां घूमने जाने की अपील की। इसके बाद बॉयकॉट मालदीव का ट्रेंड शुरु हो गया। दरअसल मोइज्जू को चीनी पर्यटकों से काफी उम्मीदें थी, जो पूरी नहीं हुई।