नई दिल्ली : Neve take us for granted Suprem Court: राजधानी दिल्ली में मौजूदा जल संकट को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा दिये गये अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका में त्रुटियां नहीं दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमारे बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं। वही जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल याचिका में त्रुटियों के कारण रजिस्ट्री में हलफनामा स्वीकार नहीं किया गया।
Neve take us for granted Suprem Court: कोर्ट ने लगाई फटकार
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार की दायर याचिका में त्रुटि के कारण रजिस्ट्री में हलफनामे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आगे उन्होंने ये भी कहा की आपने त्रुटि को ठीक क्यों नहीं किया गया। हम याचिका खारिज कर देंगे। पिछली तारीख पर भी इस ओर ध्यान दिलाया गया था और फिर भी आपने त्रुटि को दूर नहीं किया। अदालती कार्यवाही को हल्के में न लें चाहे आपका मामला कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।
Neve take us for granted Suprem Court: हमें हल्के में नहीं लें: सुप्रीम कोर्ट
बेंच ने मामले की सुनवाई 12 जून तक स्थगित करते हुए कहा कि हमें कभी हल्के में न लें। फाइलिंग स्वीकार नहीं की जा रही है। आप सीधे कोर्ट को कई दस्तावेज सौंपते हैं और फिर कहते हैं कि आपके पास पानी की कमी है और आज ही आदेश पारित कर देते हैं। आप सभी तरह की अत्यावश्यकता का हवाला देते हैं और आराम से बैठे रहते हैं। सब कुछ रिकॉर्ड में आने दें। हम इस पर परसों सुनवाई करेंगे।
Neve take us for granted Suprem Court: सुनवाई से पहले पढ़ना चाहते हैं फाइलें
कोर्ट ने सुनवाई में आगे ये भी कहा कि वह मामले की सुनवाई से पहले फाइलें भी पढ़ना चाहती है क्योंकि अखबारों में बहुत-सी बातें छपी हैं। वही पीठ ने कहा कि अगर हम अपने आवासीय कार्यालय में फाइलें नहीं पढ़ेंगे तो अखबारों में जो कुछ भी छप रहा है, उससे हम प्रभावित होंगे। यह किसी भी पक्ष के लिए अच्छा नहीं है।
Neve take us for granted Suprem Court: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था हिमाचल प्रदेश से
वही दिल्ली में जलसंकट मामले में कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश से भी पहले कहा था और हिमाचल प्रदेश सरकार को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया था ताकि इसका प्रवाह सुगम हो सके। वही साथ ही यह भी कहा था कि पानी को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।