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MMMUT: 2026 से शुरू होगा पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स, जानें कब होगी विधि विभाग अथवा स्कूल ऑफ लॉ की स्थापना

इस प्रक्रिया की समन्वय भूमिका निभाने के लिए मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत मिश्र को कोर्स समन्वयक नियुक्त किया गया है।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) जल्द ही एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक पहल की शुरुआत करने जा रहा है। विश्वविद्यालय में वर्ष 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम (Integrated Law Program) शुरू किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को कुलपति प्रो. जेपी सैनी की अध्यक्षता में आयोजित विद्या परिषद् की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।

स्थापित होगा विधि विभाग / स्कूल ऑफ लॉ

पाठ्यक्रम के संचालन के लिए विश्वविद्यालय में विधि विभाग अथवा स्कूल ऑफ लॉ की स्थापना की जाएगी। इसके अंतर्गत ही यह इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स संचालित होगा। कोर्स को सुचारु रूप से प्रारंभ करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

अभिजीत मिश्र कोर्स समन्वयक नियुक्त

इस प्रक्रिया की समन्वय भूमिका निभाने के लिए मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत मिश्र को कोर्स समन्वयक नियुक्त किया गया है। वे कोर्स की रूपरेखा, मान्यता संबंधी कार्यवाहियों तथा विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

CLAT परीक्षा के माध्यम से होगा प्रवेश

इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) का माध्यम अपनाया जाएगा, जो कि भारत की प्रमुख नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित की जाती है।

तीन वर्षीय LLB प्रोग्राम से भिन्न हैं पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स

पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स एक स्नातक स्तर का विधिक पाठ्यक्रम है, जो 12वीं पास छात्रों के लिए उपयुक्त है। यह कोर्स पारंपरिक तीन वर्षीय LLB प्रोग्राम से भिन्न है, जिसमें केवल स्नातक डिग्री धारक छात्र ही प्रवेश पा सकते हैं।

इस इंटीग्रेटेड कोर्स में छात्र कला (BA), वाणिज्य (B.Com) या प्रबंधन (BBA) विषयों के साथ-साथ कानून की पढ़ाई भी करते हैं। इससे उन्हें एक मल्टीडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इसमें प्रमुख कोर्स विकल्प हैं बीए LLB, बीबीए LLB और बी कॉम LLB।

करिअर के विविध विकल्प

इस कोर्स में छात्र संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, कॉरपोरेट कानून, अंतरराष्ट्रीय कानून जैसे विषयों के साथ-साथ इंटर्नशिप, मूट कोर्ट, क्लाइंट काउंसलिंग और लीगल रिसर्च जैसे व्यावहारिक पहलुओं में भी दक्ष होते हैं। इस तरह वे वकालत, कॉरपोरेट लॉ, ज्यूडिशियल सर्विसेज, कानूनी सलाहकार, नीति विश्लेषक जैसे अनेक क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।

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