कटिहार : बिहार में कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। कटिहार जिले के डंडखोरा थाना क्षेत्र में आक्रोशित भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला (Attack on Police Station in Bihar) कर दिया। इस हमले में थानाध्यक्ष (SHO) समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। घटना के बाद क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं।
शराब तस्कर की गिरफ्तारी बनी हमले की वजह
घटना की शुरुआत शुक्रवार देर शाम से हुई, जब डंडखोरा थाना पुलिस ने अवैध शराब तस्करी (Illegal Liquor Smuggling in Bihar) के आरोप में सूरज कुमार को हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद शनिवार सुबह उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान सूरज कुमार के परिजन और कुछ ग्रामीण थाने पहुंचे और उसकी रिहाई की मांग करने लगे।
भीड़ का थाने पर हमला, बढ़ा तनाव
शनिवार सुबह पुलिस सूरज कुमार को जेल भेजने की तैयारी कर रही थी, तभी भीड़ उग्र हो गई और थाने को घेरकर हमला कर दिया। भीड़ ने न केवल हंगामा किया, बल्कि पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट भी की। इस हमले में थाना प्रभारी (SHO) समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हवाई फायरिंग
स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की। फायरिंग के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए कटिहार एसपी वैभव शर्मा स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया और कहा कि विधि व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है। दोषियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा, जांच जारी
घटना के बाद आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है और क्षेत्र में फ्लैग मार्च कराया जा रहा है। पुलिस ने हमले में शामिल लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है।
एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि इस मामले में कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं, लेकिन अभी सटीक आंकड़ा बताना जल्दबाजी होगा। जांच के बाद दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार में बढ़ते अपराध और भीड़तंत्र पर सवाल
डंडखोरा थाना पर हमला (Dandkhora Police Station Attack) कोई पहली घटना नहीं है। बिहार में पिछले कुछ महीनों से पुलिस पर हमले और भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इससे न केवल पुलिसिंग व्यवस्था पर सवाल उठते हैं, बल्कि आमजन की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती दिख रही है।