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PMLA: क्या है पीएमएलए और उसकी धारा 45? जानिए

by Rakesh Pandey
Prevention of Money Laundering Act:
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स्पेशल डेस्क। PMLA: अक्सर हम पीएमएलए एक्ट के बारे में सुनते हैं। चर्चा में भी यह सुना जाता है लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो इसके बारे में नहीं जानते। दरअसल, पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) कानून भारत में धन शोधन (Money Laundering) को रोकने के लिए बनाया गया था। यह कानून 2002 में पारित हुआ था और 2005 में लागू हुआ था, तब से इसमें कई संशोधन किए गए हैं। इसका उद्देश्य अवैध रूप से अर्जित धन को वैध बनाने की गतिविधियों को रोकना और उनसे जुड़े अपराधियों को सजा देना है।

Prevention of Money Laundering Act: क्या है पीएमएलए की धारा 45

Prevention of Money Laundering Act की धारा 45 पीएमएलए का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अन्वेषण अधिकारी को कुछ शर्तों के तहत बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

यह धारा कई मामलों में लागू होती है:

* जब किसी व्यक्ति पर पीएमएलए के तहत अपराध करने का आरोप हो।

* जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना आवश्यक हो ताकि वह सबूतों को नष्ट न कर सके या गवाहों को धमका न सके।

* जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना आवश्यक हो ताकि वह न्याय से बच न सके।

24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी

धारा 45 के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए। मजिस्ट्रेट यह तय करेगा कि व्यक्ति को जमानत पर रिहा किया जाए या नहीं। पीएमएलए की धारा 45 (Prevention of Money Laundering Act)  विवादास्पद रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह कानून का दुरुपयोग हो सकता है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह धारा आवश्यक है ताकि धन शोधन को रोका जा सके।

Prevention of Money Laundering Act: धारा 45 को लेकर सामने आते रहे हैं विवाद

कुछ लोगों ने इस धारा की आलोचना करते हुए कहा है कि यह मनमानी और दुरुपयोग के लिए खुली है। उनका तर्क है कि यह धारा निर्दोष लोगों को भी फंसा सकती है। कुछ लोगों का तर्क यह भी है कि यह कानून मनमाना है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है।

Prevention of Money Laundering Act के महत्वपूर्ण तथ्य

* पीएमएलए एक कानून है जो भारत में धन शोधन को रोकने के लिए बनाया गया था।

* धारा 45 पीएमएलए का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अन्वेषण अधिकारी को कुछ शर्तों के तहत बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

* यह धारा विवादास्पद रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह कानून का दुरुपयोग हो सकता है।

* सरकार का कहना है कि यह धारा आवश्यक है ताकि धन शोधन को रोका जा सके।

 

 

 

 

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