सेंट्रल डेस्कः दक्षिण अफ्रीका की एक गोल्ड माइन में अवैध खनन कर रहे 100 लोगों के भूख और प्यास से मरने की नौबत आ गई है। बता दें कि सोने का यह खदान बंद पड़ा है। खबर है कि 500 से अधिक मजदूर इस खदान में फंसे हुए हैं। माइंस में काम करने वालों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि ये लोग महीनों से यहां फंसे हुए हैं और पुलिस इन्हें बाहर निकालने के लिए प्रयासरत है।
सेलफोन के वीडियो से मिली जानकारी
माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप (MACUA) के प्रवक्ता सबेलो मंगुनी ने बताया कि 10 जनवरी को खदान में फंसे कुछ लोगों को रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू किए गए दो लोगों में से एक के सेलफोन में दो वीडियो थे। वीडियो में दिख रहा है कि प्लास्टिक में लिपटे दर्जनों शव जमीन के नीचे पड़े है।
मंगुनी के कहे अनुसार, उत्तर पश्चिम प्रांत की खदान में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है। नवंबर, 2024 में यहां पुलिस ने पहली बार माइनर्स को बाहर निकालने का अभियान शुरू किया। भूख और प्यास के चलते उनकी मौत होने की आशंका है। 10 जनवरी से लेकर अब तक इस खदान से 18 शव बाहर निकाले जा चुके हैं।
26 लोगों को खदान से निकाला गया जीवित
सबेलो मंगुनी ने आगे बताया कि 10 जनवरी को चलाए गए अभियान में नौ शव बरामद हुए, जबकि 12 जनवरी को 9 और शव खदान से बाहर निकाले गए। इस दौरान 26 लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया। पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर सेबाटा मोकग्वाबोने ने बताया कि वे अभी भी इस बात को वेरिफाई कर रहे हैं कि अब तक कितने शव बरामद हुए हैं और 12 जनवरी को नया रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के बाद कितने लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है। पुलिस अधिकारियों को उम्मीद है कि सभी माइनर्स को बाहर निकाल लिया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन बेहद सामान्य बात है। कंपनियां उन खदानों को बंद कर देती है, जो उनके लिए लाभदायक नहीं रह जाते हैं। इसके बाद खदान मजदूर के कई समूह अवैध रूप से उन खदानों में घुस कर बचे हुए सोने के भंडार की खोज करते हैं।
गिरफ्तारी के डर से नहीं निकल रहे खदान से बाहर
जोहान्सबर्ग के दक्षिण-पश्चिम में स्टिलफोंटेन शहर के पास की खदान में पुलिस और माइनर्सों के बीच पिछले दो महीने से गतिरोध बना हुआ हैँ। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के डर से माइनर्स ‘बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन’ से बाहर आने से इनकार कर रहे थे, लेकिन सबेलो मंगुनी ने बताया, पुलिस ने उन रस्सियों को हटा दिया था. जिसके सहारे माइनर्स खदान में उतरे औऱ बाहर नेकलने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए उनका भोजन भी बंद कर दिया गया था।
पुलिस की कार्रवाई की आलोचना
सबेलो मंगुनी के संगठन MACUA समेत दूसरे कई संगठनों ने पुलिस के इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की थी। MACUA इस मामले को लेकर कोर्ट तक पहुंची। जिसके बाद दिसंबर में कोर्ट ने पुलिस और प्रांतीय अधिकारियों को खदान में फंसे लोगों के लिए भोजन, पानी और दवा भेजने की अनुमति देने का आदेश दिया।