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Munich Security Conference: जानिए क्या है म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस?

by The Photon News Desk
Munich Security Conference
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स्पेशल डेस्क : विदेश मंत्री एस जयशंकर 16 से 18 फरवरी तक आयोजित होने वाले म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (Munich Security Conference) के 60 वें संस्करण में भाग लेने के लिए जर्मनी में हैं। म्यूनिख पहुंचने के बाद जयशंकर ने शुक्रवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की।

क्या है Munich Security Conference

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का एक बड़ा मंच है, जहां दुनिया भर के नेता और राजनयिक सभी अहम मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं। जर्मनी के तीसरे सबसे बड़े शहर म्यूनिख में 16 से 18 फरवरी तक इसका आयोजन हो रहा है।

जर्मनी का तीसरा सबसे बड़ा शहर है म्यूनिख, जहां हर साल फरवरी में दुनिया भर के दिग्गजों का जमावड़ा एक खास उद्देश्य से होता है। इसमें पूरी दुनिया के सामने आ रही सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने पर चर्चा होती है और युद्धों से बचने की तरकीब भी सोची जाती है। इस साल भी इसका आयोजन म्यूनिख के भव्य होटल बेयरिशर हॉफ में हो रहा है। पूरी दुनिया से मंत्री, सुरक्षा से जुड़े लोग यहां पहुंच चुके हैं।

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन की शुरुआत

जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन से मुलाकात करके म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन की शुरुआत की। हमारे द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक अच्छी चर्चा हुई। दिन में जयशंकर ने पेरू और बुल्गारिया के अपने समकक्षों क्रमशः जेवियर गोंजालेज-ओलेचिया और मारिया गेब्रियल से भी मुलाकात की।

हालांकि इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2024 (MSC 2024) में जयशंकर की भागीदारी के संबंध में विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, लेकिन उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि भारत इस वार्षिक आयोजन को कितना महत्व दे रहा है। सम्मेलन निजी तौर पर आयोजित किया जाता है और इसलिए यह कोई आधिकारिक सरकारी कार्यक्रम नहीं है। इसका उपयोग विशेष रूप से चर्चा के लिए किया जाता है और अंतर-सरकारी निर्णयों को बाध्य करने के लिए प्राधिकरण मौजूद नहीं है।

इन विषयों पर होगी चर्चा

(Munich Security Conference) सम्मेलन में यूक्रेन संकट और फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष जैसी कई वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उद्घाटन समारोह में भाषण दिया और साथ ही वैश्विक शांति बनाए रखने और आधुनिक वैश्विक व्यवस्था की स्थापना की अपील की।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया परमाणु खतरों, जलवायु संकट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जोखिम जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पिछले 75 वर्षों में किसी भी समय से अधिक विभाजित है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तात्कालिकता और एकजुटता की नई भावना के साथ न्याय-आधारित समाधानों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि एक “वैश्विक व्यवस्था बनाएं, जिससे सभी को लाभ हो।

विदेशी मंत्री ने कई देशों में प्रतिनिधियों से की मुलाकात

जर्मनी पहुंचने के बाद से जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन, जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक, ग्रीस के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री निकोस डेंडियास, अर्जेंटीना की विदेश मंत्री डायना मोंडिनो और कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली से भी मुलाकात कर चुके हैं।

एक दिन पहले उन्होंने यूरोपीय संघ आयोग के उपाध्यक्ष जोसेप फोंटेलेस से भी मुलाकात की। जयशंकर ने बेयरबॉक के साथ लंबी बातचीत की। डेंडियास के साथ प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों पर अपने नजरिए को साझा किया। इसके अलावा, मोंडिनों के साथ उन्होंने भारत और अर्जेंटीना के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग पर चर्चा की।

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