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NAAC : बदल गई नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया, अब उच्च शिक्षण संस्थानों को नहीं मिलेगा ग्रेड

by The Photon News Desk
NAAC
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एजुकेशन डेस्क,नई दिल्ली/ NAAC देश के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स (HEI’s) को लेकर नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडेशन काउंसिल (नैक) ने बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत नैक ने उच्च शिक्षण संस्थानों में सुधार के लिए ग्रेडिंग सिस्टम को समाप्त कर दिया है। नैक ने निर्णय लिया है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों को उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए एक से लेकर पांच तक के स्तर पर रखा जाएगा, जिससे उनके परफॉर्मेंस का पता चल सके।

इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों को अब ग्रेडिंग नहीं मिलेगा। ये संस्थान अब दो ही कैटेगरी में आएंगे एक्रीडिटेड या नॉन-एक्रिडेटेड। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडेशन काउंसिल ने इस बारे में फैसला लिया है। इसके साथ ही संस्थानों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक से पांच के लेवल पर रेटिंग दी जाएगी।

इस फैसले से छात्रों और अभिभावकों को मदद मिलेगी और वे गलत जगहों पर एडमिशन लेने से या अपने बच्चे को प्रवेश दिलाने से बच पाएंगे। दरअसल, अब संस्थानों के साथ साफ जुड़ा होगा कि वे मान्यता प्राप्त हैं या गैर मान्यता प्राप्त। ग्रेडिंग सिस्टम ही खत्म कर दिया गया है, जो कंफ्यूजन पैदा करता था। इसे एक्सपर्ट एक अच्छे साइन के तौर पर देख रहे हैं।

दो चरण में होगा कार्यान्वयन

हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में इन नए नियमों को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में ये बताया जाएगा कि संस्थान मान्यता प्राप्त है या नहीं है। दूसरे चरण में उसे लेवल 1 से लेकर 5 तक के स्तर पर आंका जाएगा। इससे संस्थान अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होंगे। संस्थान का परफॉर्मेंस जिस क्षेत्र में जितना अच्छा होगा, उसे उसी के मुताबिक लेवल 1 से 5 के बेसिस पर रेटिंग दी जाएगी। इससे भी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स समझ सकेंगे कि संस्थान एडमिशन लेने के योग्य है या नहीं। सबसे अच्छे संस्थान को 5 लेवल की रेटिंग दी जाएगी।

कई देशों में लागू है मूल्यांकन का यह सिस्टम

इस नियम के आने से संस्थान मान्यता प्राप्त होने की जुगत में लग जाएंगे और जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर करके जल्दी से जल्दी एक्रिडेशन लेने की कोशिश करेंगे। विदेशों में ये प्रैक्टिस काफी समय से हो रही है और अब भारत में भी इसे अगले कुछ महीनों में लागू कर दिया जाएगा। मैच्योरिटी बेस्ड ग्रेडेड एक्रिडेशन से संस्थानों को एक्सेल करने के लिए मोटिवेशन मिलेगा। हाईएस्ट लेवल यानी लेवल 5 के तहत उन्हें ‘इंस्टीट्यूशंस ऑफ ग्लोबल एक्सीलेंस फॉर मल्टी-डिस्पिलिनेरी रिसर्च एंड एजुकेशन’ का अवॉर्ड मिलेगा।

इसलिए लिया गया फैसला

नए नियम के तहत अब कोई भी विश्वविद्यालय और कॉलेज दाखिले के नाम पर छात्रों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ए और नैक ए प्लस मान्यता के नाम पर धोखा नहीं दे पाएंगे। केंद्र सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नैक की मान्यता से ग्रेड सिस्टम को ही समाप्त कर दिया है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से नैक मान्यता देने के नियमों में दो तरह से बदलाव कर रहा है। अब कॉलेजों को सिर्फ मान्यता है या नहीं का दर्जा लिखा हुआ मिलेगा।

अभी तक NAAC ग्रेडिंग की यह थी प्रक्रिया

नैक, यूजीसी का ही हिस्सा है। इस संस्था की जिम्मेदारी देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परख कर ग्रेड देना है। इसके तहत अभी तक शिक्षण संस्थान अपने स्तर से प्राथमिक तैयारियां पूरी करने के बाद नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करते थे।

इसके बाद नैक की ओर से टीम संस्थान का निरीक्षण करती है। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में शिक्षण सुविधाएं, रिजल्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, माहौल सहित हर जरूरी बात की जानकारी ली जाती है। इस आधार पर नैक की यह टीम अपनी रिपोर्ट जमा करती है। इससे कॉलेज को सीजीपीए दिया जाता है, जिसके आधार पर ग्रेड जारी होता है।

जानिए कितने सीजीपीए पर कौन-सा मिलता था ग्रेड

सीजीपीए —- ग्रेड
3.76-4.00 – ए ++
3.51-3.76 – ए +
3.01-3.50 – ए
2.76-3.00 – बी ++
2.51-2.75 – बी +
2.01-2.50 – बी
1.51-2.00 – सी
1.50 से कम – डी(एक्रेडिटेड नहीं)

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