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Iran : जनरल सुलेमानी की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में धमाके, 103 लोगों की मौत

by The Photon News Desk
General Soleimani
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तेहरान/दुबई। General Soleimani :  ईरान के करमान शहर में बुधवार को हुए दो धमाकों में कम से 103 लोगों की मौत हो गई जबकि 141 अन्य घायल हुए हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी है। मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में ये धमाके हुए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन धमाकों को आतंकवादी हमला करार दिया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पश्चिम एशिया की गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाई के बीच हुए इन धमाकों के पीछे कौन है।

General Soleimani  : अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे जनरल सुलेमानी

ईरान के सरकारी टेलीविजन ने देश की आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता बाबक यकतापरस्त के हवाले से हताहतों की जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि ये धमाके रिवोल्यूशनरी गार्ड्स एलीट कुद्स फोर्स के प्रमुख रहे जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर करमान में उनकी कब्र के करीब आयोजित एक कार्यक्रम में हुए। जनरल सुलेमानी 2020 में इराक में अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारे गए थे।

General Soleimani : राजधानी तेहरान से 820 किलोमीटर दूर हुए धमाके

इरना के मुताबिक करमान शहर राजधानी तेहरान से 820 किलोमीटर दक्षिण पूर्व है। अधिकारियों ने कहा कि बाद में भागते समय कुछ लोग घायल हो गए। तस्वीरों से पता चलता है कि दूसरा धमाका पहले धमाके से लगभग 15 मिनट बाद हुआ। अकसर आतंकवादियों द्वारा घटनास्थल पर प्रतिक्रिया दे रहे आपातकालीन कर्मियों को निशाना बनाने और अधिक लोगों को हताहत करने के इरादे से दूसरे धमाके को थोड़े समय बाद किया जाता है। टेलीविजन तस्वीरों में लोग चिल्लाते दिख रहे हैं। उधर, करमान के डिप्टी गवर्नर रहमान जलाली ने हमले को आतंकवादी करार दिया है। हालांकि उन्होंने हमले की विस्तृत जानकारी नहीं दी।

जाने कौन थे General Soleimani

वैसे ईरान के कई दुश्मन हैं जो इस हमले को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे दुश्मनों में निर्वासित समूह, उग्रवादी संगठन और दूसरे देश शामिल हैं। ईरान ने हमास के साथ-साथ लेबनानी शिया मिलिशिया हिजबुल्लाह और यमन के हुती विद्रोहियों का भी समर्थन किया है।

General Soleimani ईरान की क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों के रणनीतिकार थे। ईरानी शासन के समर्थकों के बीच उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मान दिया जाता है। सुलेमानी ने 2011 में अरब क्रांति के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के खिलाफ प्रदर्शनों और बाद से जारी गृह युद्ध में भी सीरियाई राष्ट्रपति की मदद की थी।

अमेरिका ने क्या लगाए थे सुलेमानी पर आरोप

General Soleimani 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले से पहले अपने देश में भी एक अनजान शख्स थे। उनकी लोकप्रियता तब बढ़ी जब अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकवादियों को सड़क के किनारे अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने में मदद की।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक General Soleimani की मदद से किए गए हमलों में उसके कई अमेरिकी सैनिक मारे गए जबकि कई अन्य घायल हुए थे। करीब डेढ़ दशक के बाद सुलेमानी ईरान के सबसे जाने-माने कमांडर के तौर पर उभरे। हालांकि, उन्होंने राजनीति में आने के आह्वान को नजर अंदाज कर दिया लेकिन असैन्य नेतृत्व से ज्यादा नहीं तो कम से कम बराबर ताकतवर थे।

General Soleimani के अंतिम संस्कार में भी मची थी भगदड़

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के निर्देश पर किए गए एक ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई थी। यह हमला विश्व शक्तियों और ईरान के बीच हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के 2018 में एकतरफा तरीके से हटने के बाद बढ़ते तनाव का नतीजा था। सुलेमानी के मारे जाने के बाद बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले गए थे। 2020 में उनके अंतिम संस्कार में भगदड़ मच गई थी और कम से कम 56 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

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