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आज से शुरू होगा होलाष्टक, जानिए महत्व और क्यों माना जाता है अशुभ?

by Rakesh Pandey
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स्पेशल डेस्क/Holashtak 2024: हिंदू धर्म में होली का पर्व बहुत ही खास होता है और प्रेम के इस प्रतीक को देशभर में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन होली से पहले होलाष्टक की चर्चा शुरू हो जाती है। होलाष्टक होली से 8 दिन पहले ही लग जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल होलाष्टक आज यानि 17 मार्च से शुरू हो गया है।

Holashtak 2024: क्या होता है

होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है होली के आठ दिन। यानि होली के त्योहार में केवल 8 दिन बाकी रह जाते हैं और इस दौरान होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते है।

Holashtak 2024: को क्यों माना जाता है अशुभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं। अष्टमी तिथि को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर गुरु, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा तिथि के दिन राहु उग्र स्थिति में रहते हैं। ज्योतिष विद्वानों की मानें तो होलाष्टक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। माना जाता है कि होलाष्टक की अवधि में किए शुभ और मांगलिक कार्यों पर इन ग्रहों का बुरा असर पड़ता है, जिसका असर सभी राशियों के जीवन पर भी पड़ सकता है। इस वजह से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Holashtak 2024 : किन देवताओं की पूजा का है महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान भगवान हनुमान, भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही होलाष्टक के आठ दिनों में व्यक्ति को निरंतर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

DISCLAIMER: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। THE PHOTON NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता। इसके लिए किसी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।

 

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