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पाकिस्तान के मंत्री ने माना, धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों का हुआ कत्लेआम 

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली:  Pakistan Defence minister: पाकिस्तान में लंबे समय से अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न, मारपीट और यौन शोषण की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। उत्पीड़न की वजह से बड़ी संख्या में वहां से अल्पसंख्यक अपने देश को छोड़ने को मजबूर हुए हैं।

अब जाकर पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि उसके देश में अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा। उनका रोज कत्ल किया जा रहा है। वहीं पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि उनके देश में अल्पसंख्यक समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने यह भी माना कि हमारे यहां मजहब के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।

 

मजहब के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहा उत्पीड़न

वहीं पड़ोसी मुल्क में आए दिन ईश निंदा के नाम पर हिंदू, अहमदिया या ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों के साथ मॉब लिंचिंग की खबरें आती हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में अपने संबोधन के दौरान यह माना कि हमारे यहां मजहब के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ लगातार उत्पीड़न हो रहा है। यह चिंता की भी बात है हालांकि रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में हिंदू धर्म का जिक्र नहीं किया।

Pakistan Defence minister: छोटे इस्लामिक संप्रदाय भी सुरक्षित नहीं

आसिफ ने इस बात पर जोर दिया कि संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद पाकिस्तान में इस्लाम के छोटे संप्रदायों सहित कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान में छोटे मुस्लिम संप्रदाय भी सुरक्षित नहीं हैं, जो एक शर्मनाक स्थिति है। हम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एक प्रस्ताव पेश करने का इरादा रखते हैं। हालांकि हमारा संविधान अल्पसंख्यकों के अधिकारों कि गारंटी देता है, लेकिन विभिन्न स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। अब तक मारे गए लोगों के ईशनिंदा से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले बल्कि, ये हत्याएं व्यक्तिगत प्रतिशोध से उपजी लगती हैं।

Pakistan Defence minister: देश में अल्पसंख्यकों का बुरा हाल

एचआरसीपी और ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों को जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण, हत्या और उनके पूजा स्थलों पर हमले जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, अहमदिया समुदाय को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उनके धार्मिक प्रथाओं पर कानूनी प्रतिबंध, अभद्र भाषा और हिंसक हमले शामिल हैं। उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं के कारण निशाना बनाया जाता है, और ऐसी घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं।

पाकिस्तान में कानूनी ढांचा धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है, जिससे उनका हाशिए पर जाना और बढ़ रहा है। ईशनिंदा कानून जैसे कानूनों का अक्सर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए दुरुपयोग किया जाता है। इसकी वजह से अल्पसंख्यकों की मनमानी गिरफ्तारियां, हिंसा और सामाजिक बहिष्कार होता है। वहीं इसी तरह, ईसाइयों को रोजगार, शिक्षा और ईशनिंदा के आरोपों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण मॉब वायलेंस और चर्चों पर हमले होते हैं।

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