कोलकाता : पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इन दिनों देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। (Sikh IPS case) इस पर भाजपा बंगाल सरकार और टीएमसी पर जमकर हमला बोल रही है और इसे बड़ा मुद्दा बनाए हुए है। इसी बीच भाजपा नेताओं ने एक ऐसी गलती कर दी, जिससे टीएमसी को उनपर हमला करने का मौका मिल गया और भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है।
दरअसल, संदेशखाली में हुए विवाद को लेकर प्रदर्शन चल रहा था। इसी प्रदर्शन को शांत कराने आए आईपीएस जसप्रीत सिंह को भाजपा नेताओं ने खालिस्तानी कह दिया, जिससे वे काफी नाराज हो गए। उनकी नाराजगी का वीडियो काफी वायरल भी हो रहा है।
आईपीएस को आया गुस्सा, हुई नोकझोंक (Sikh IPS case)
आईपीएस को खालीस्तानी कहने पर आईपीएस के गुस्से वाले वीडियो को टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शेयर किया। इसके बाद यह मामला तेजी से देश में फैल गया। इसको लेकर टीएमसी और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। बता दें संदेशखाली महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी और ईडी अफसरों पर हमले को लेकर चर्चा में है।
मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण भाजपा इस मुद्दे पर काफी ज्यादा राजनीति भी कर रही है। इससे टीएमसी बहुत दिनों से बैकफुट पर थी, लेकिन जैसे सिख आईपीएस को खालिस्तानी बोले जाने का मुद्दा सामने आया तो, टीएमसी ने पूरी तरह से भाजपा को घेर लिया।
भाजपा नेताओं को दी जेल भेजने की धमकी
आईपीएस को खालिस्तानी के कहने पर जसप्रीत सिंह को गुस्सा आ गया। उनकी काफी देर तक भाजपा नेताओं के साथ बहस और नोकझोंक हुई। आईपीएस ने सभी को जेल भेजने की चेतावनी दी। इस वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा को टीएमसी ने घेर लिया। हरियाणा के रहने वाले आईपीएस जसप्रीत को खालिस्तानी कहने के बाद सभी उनके बारे में जानना चाहते हैं। दरअसल, जसप्रीत पश्चिम बंगाल के 2016 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने 2015 में आयोजित यूपीएससी एग्जाम में 638वीं रैंक हासिल की थी।
अभी आईपीएस जसप्रीत बंगाल पुलिस की इंटेलिजेंस ब्रांच में स्पेशल सुपरिटेंडेंट हैं। इससे पहले आईपीएस जसप्रीत सिंह इस्लामपुर के एसपी थे। आईपीएस जसप्रीत सिंह बिधाननगर पुलिस जोन में डिप्टी कमिश्नर के पद पर भी तैनात रहे हैं। इससे पहले रायगंज के एएसपी और सिलीगुड़ी पुलिस के स्पेशल टास्क में भी पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं।
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