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14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत, सहमति से सुलझाए जाएंगे विवाद

लोक अदालत में दिए गए फैसले को सामान्य अदालत के फैसले की तरह ही मान्यता प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया के जरिए पक्षकार समय और धन की बचत करते हैं।

by Rohit Kumar
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रांची। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 दिसंबर को जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य न्यायालय में लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण और त्वरित निपटारा सुनिश्चित करना है।

राजीनामे के आधार पर किया जाएगा विवादों का समाधान

राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति और राजीनामे के आधार पर विवादों का समाधान किया जाएगा। सचिव ने बताया कि लोक अदालत में बैंक लोन, मोटर दुर्घटना, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू और वैवाहिक विवाद जैसे विभिन्न मामलों का निपटारा किया जाएगा। लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और इसके खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती।

समय और धन की होगी बचत

सचिव ने बताया कि लोक अदालत में दिए गए फैसले को सामान्य अदालत के फैसले की तरह ही मान्यता प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया के जरिए पक्षकार समय और धन की बचत करते हैं। साथ ही, इसमें कोई पक्ष हारता या जीतता नहीं है, बल्कि विवाद का समाधान आपसी सहमति से किया जाता है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लंबित मामलों का त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान संभव है। यदि किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है, तो वह लोक अदालत के जरिए निस्तारण करवा सकता है।

ऑनलाइन आवेदन कर दर्ज करा सकते है मामला

यह पहल लोगों को न केवल शीघ्र न्याय प्रदान करती है, बल्कि अदालती प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाने में भी सहायक है। लोक अदालतों का आयोजन विवादों के समाधान के लिए एक प्रभावी और सौहार्दपूर्ण तरीका है। उन्होंने बताया कि लोग नालसा की वेबसाइट पर या 15100 पर फोन कर लोक अदालत में मामला दर्ज करवा सकते है।

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