Jamshedpur (Jharkhand) : देश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रोफेशनल दुनिया के लिए तैयार करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है नव्या योजना (Navya Yojana)। यह योजना खासतौर पर उन किशोरियों के लिए लाई गई है जो जीवन में आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन सामाजिक या आर्थिक बाधाएं उनका रास्ता रोकती हैं।
दो मंत्रालयों की संयुक्त पहल
इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन का हिस्सा है, जो युवाओं, विशेष रूप से लड़कियों को स्किल्ड और एम्पावर्ड बनाकर राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
किन लड़कियों को मिलेगा नव्या योजना का लाभ?
यह योजना 16 से 18 वर्ष की उम्र की उन लड़कियों के लिए है, जिन्होंने कम से कम दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी कर ली हो। चयनित लड़कियों को 7 घंटे की विशेष तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे रोजगार या स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें।
किन क्षेत्रों में दी जाएगी ट्रेनिंग?
नव्या योजना के तहत लड़कियों को प्रोफेशनल और टेक्निकल स्किल्स सिखाई जाएंगी
ये ट्रेनिंग दी जाएगी
ग्राफिक डिजाइनिंग
प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट
स्मार्टफोन रिपेयर और टेक्निशियन
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन
ड्रोन असेंबलिंग
मोबाइल रिपेयरिंग
CCTV इंस्टॉलेशन
साथ ही उन्हें कम्युनिकेशन स्किल्स, फाइनेंशियल लिटरेसी (कमाई-खर्च की समझ), और वर्कप्लेस बिहेवियर की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
कहां शुरू हुई योजना?
यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 9 राज्यों के 27 जिलों में शुरू की गई है। शुरुआत 24 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से हुई। चयनित जिले वे हैं जहां सामाजिक और आर्थिक तौर पर लड़कियों को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
फिलहाल सरकार की ओर से इस योजना में आवेदन प्रक्रिया को लेकर कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है। जैसे ही पंजीकरण या आवेदन प्रक्रिया जारी होगी, संबंधित पोर्टल या माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य है कि लड़कियां सिर्फ पढ़-लिखकर नहीं, बल्कि रोजगार के लिए पूरी तरह तैयार हों। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर, टेक्नोलॉजically skilled और वर्कप्लेस के लिए सक्षम बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।