Maharashtra Election : महाराष्ट्र चुनाव में गठबंधन दलों के बीच खींचतान की खबरों के बीच एक नया मुद्दा सामने आया है। मुद्दा है नवाब मलिक की उम्मीदवारी का, जिसकी भारतीय जनता पार्टी ने तीखी आलोचना की है। बीजेपी ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार गुट के प्रमुख नेताओं में से एक नवाब मलिक को टिकट दिए जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है।
निर्दलीय नामांकन भरने की थी तैयारी
नवाब मलिक को अजीत पवार गुट ने मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से टिकट दिया है। दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नवाब मलिक ने दो नामांकन दाखिल किए थे। एक एनसीपी के सदस्य के तौर पर और दूसरा निर्दलीय के तौर पर। लेकिन एनसीपी (अजीत पवार) पार्टी ने मलिक को फॉर्म-ए और फॉर्म-बी दे दिया, जिसके तहत उन्होंने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया और खुद को आधिकारिक उम्मीदवार बताया। बता दें कि फॉर्म-ए के तहत राजनीतिक दल उम्मीदवार की जानकारी चुनाव आय़ोग को सौंपते है और फॉर्म-बी के तहत उम्मीदवार अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करते हैं।
बीजेपी नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी
अब इस मामले में बीजेपी ने अपना रुख साफ किया है। बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने कहा कि गठबंधन में सभी दलों को उम्मीदवार खुद तय करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि मुद्दा सिर्फ नवाब मलिक की आधिकारिक उम्मीदवारी का नहीं है। देवेंद्र फड़नवीस ने कई बार पार्टी के रुख को स्पष्ट किया है। मैं फिर से दोहराता हूं- बीजेपी नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी। हमारे द्वारा उनके लिए प्रचार करने का कोई सवाल ही नहीं है।
लेकिन पार्टी ने मलिक की बेटी को……
आशीष शेलार ने अफने पूर्व के वक्तव्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि हम किसी ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करेंगे, जो दाउद या दाउद से संबंधित किसी भी मामले से जुड़ा हो। लेकिन पार्टी ने उनकी बेटी सना मलिक को अणुशक्ति नगर से टिकट दिया, जहां उनके पिता वर्तमान में विधायक हैं। शेलार ने कहा कि जब तक हमें उनके खिलाफ कोई सबूत या जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक महायुति के सभी उम्मीदवार बीजेपी के उम्मीदवार हैं।
एनसीपी रिस्क नहीं लेना चाहती
सूत्रों का कहना है कि अजीत पवार पर बीजेपी दबाव बना रही है कि वह मलिक को टिकट न दें। यहां तक कि उन्हें उनकी ही पार्टी की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। एनसीपी (अजीत पवार) पार्टी के सदस्यों को लगता है कि वो चुनाव के लिए ज्यादा ही समझौते कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में पवार को केवल 4 सीटों पर चुनाव लड़ने की अनुमति थी, जबकि 288 सीटों वाले महाराष्ट्र चुनाव में भी सबसे छोटी हिस्सेदारी मिली है।
बेहद गोपनीय तरीके से सार्वजनिक हुई उम्मीदवारी
चूंकि मलिक मुस्लिम समुदाय का प्रमुख चेहरा है औऱ लोकसभा चुनाव के दौरान उनका समर्थन न होने के कारण पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। यही कारण है कि इस चुनाव में अजीत पवार बिल्कुल नो रिस्क जोन में रहना चाहते हैं। इसलिए नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के 5 मिनट पहले तक पार्टी ने नवाब मलिक को अपना समर्थन दिए जाने की बात सार्वजनिक नहीं की थी।
सपा से आजमी का मुकाबला करेंगे मलिक
अब मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर मलिक का मुकाबला समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी से होगा। आजमी पहले से ही यहां से विधायक हैं। 2019 के चुनाव में उन्होंने शिवसेना के विट्ठल जी लोकरे को 25 हजार वोट से हराया था। ऐसे में उम्मीद है कि मुस्लिम वोट बंट सकते हैं।
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