जमशेदपुर : वीमेंस यूनिवर्सिटी सामान्य विषयाें के साथ ही वोकेशनल काेर्स में नामांकन के लिए चांसलर पोर्टल के जरिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हाे चुकी है। ऐसे छात्राएं जाे स्नातक (यूजी) या स्नातकोत्तर (पीजी) 2023 में नामांकन लेना चाहती हैं वे ऑनलाइ आवेदन कर सकती हैं। विवि की ओर से बताया गया कि छात्राएं आवेदन फार्म भरते समय यह ध्यान रखें की स्नातक में ऑनर्स के लिए अलग से आवेदन नही करना है, सभी छात्राएं आवेदन करते समय ‘रेगुलर’ विकल्प का ही चयन करेंगी।
क्याेंकि एनइपी– 2020 के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम(एफवाईयूजीपी) लागू कर दिया गया है। चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम एनइपी – 2020 के प्रावधानों के अनुरूप प्रति वर्ष विद्यार्थियों के लिए चार प्रवेश और निकास के बिंदु प्रदान कर रहा है।
ऐसे में छात्राएं अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चयन करे। इसके बाद भी किसी तरह की समस्या हो तो छात्राएं यूनिवर्सिटी में संबंधित कर्मियों से किसी भी विषय में नामांकन के लिए पूछ भी सकती हैं। महिला विवि की ओर से इसके टीम का गठन किया गया है।
बीच में पढ़ाई छूटने पर भी मिलेगा सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री तक :
विवि की कुलपति डाॅ अंजिला गुप्ता ने बताया की नई व्यवस्था का सबसे अधिक लाभ छात्राओं काे हाेने वाला है। क्याेंकि विशेष लाभ देनेवाली इस व्यवस्था के कारण शादी होने या आर्थिक बाधाओं के कारण बीच में पढ़ाई छूटने पर भी छात्राओं को प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था है। विवि नई व्यवस्था उपयोग रोजगार के अलावा स्थिति अनुकूल होने पर बाद में पढ़ने के लिए बिना किसी वर्ष की क्षति के छात्राएं, जहां तक अध्ययन हुआ हो उससे आगे, अगले वर्ष में नामांकन लेकर कभी भी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सकती हैं।
साथ ही साथ, पूर्व में जिस प्रकार किसी एक संस्थान से ही स्नातक की पूरी पढ़ाई करनी पड़ती थी, इससे भी छूट मिली है। उदाहरण के लिए, 1 वर्ष के सर्टिफिकेट कोर्स के साथ विवाह के बाद किसी दूसरे शहर में बसी छात्रा दूसरे वर्ष की पढ़ाई वहीं किसी संस्थान से शुरू कर सकेगी।
मेधावी विद्यार्थियों के लिए एक और प्रावधान यह है कि वो एक साथ एक से अधिक संस्थानों में अध्ययन कर सकते हैं।
एक वर्ष में पूरा हाेगा पीजी :
एफवाईयूजीपी के तहत स्नातक के एक वर्ष में सर्टिफिकेट, दो वर्ष में डिप्लोमा, तीन वर्ष में डिग्री एवं चार वर्ष पूर्ण होने पर डिग्री (शोध सहित) के प्रमाणपत्र दिए जायेंगे। इस तरह, चार वर्ष तक पढ़ाई कर उस प्रकार की कुशलता और विशेषज्ञता हासिल होगी, जिसके बाद केवल 1 वर्ष में पीजी डिग्री मिल सकेगी और शोध के लिए भी पात्रता मिलेगी।
आनर्स विकल्प चुनने की वाध्यता समाप्त :
महिला विवि की ओर से बातया गया कि नई व्यवस्था के तहत ऑनर्स विकल्प शुरू में चुनने की अभी कोई बाध्यता नहीं है, बल्कि रेगुलर के अंतर्गत सभी आवेदन करें और फिर चयन के लिए मेजर और माइनर का विकल्प है। इसमें मेजर विषय का चयन अपनी रुचि के अनुसार छात्राएं सावधानी से करें क्योंकि उसी विषय में चार वर्ष पूर्ण होने पर आगे विशेषज्ञता के लिए अध्ययन के अवसर मिलेंगे। पहले की तरह विषयों के बीच कठोर विलगाव (हार्ड सेपरेशन) भी अब नही है और छात्राएं साइंस के किसी विषय के साथ आर्ट्स, कॉमर्स, ह्यूमनाटीज आदि विषय भी साथ में ले सकती हैं अर्थात अब पहले की तरह ऑनर्स एवं सब्सिडियरी के लिए साइंस के साथ साइंस का या आर्ट्स के साथ आर्ट्स का कॉम्बिनेशन ही बनेगा, इस तरह की बाध्यता नहीं है।