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New Horn policy: गाड़ियों के हॉर्न में भारतीय वाद्य यंत्रों की ध्वनि को लेकर नया कानून लाने की तैयारी में है नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने कहा कि इस तरह के बदलावों से न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण कम होगा, बल्कि लोगों को आवाजों से तनाव भी कम होगा।

by Reeta Rai Sagar
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New Delhi: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि वह एक नए कानून पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत देश में सभी वाहनों के हॉर्न को भारतीय पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनि में बदला जाएगा। इसके पीछे उद्देश्य है कि हॉर्न की आवाज़ कर्णप्रिय और शांति देने वाली हो।
गडकरी ने कहा, “मैं ऐसा कानून लाने की योजना बना रहा हूं, जिसमें सभी गाड़ियों के हॉर्न भारतीय वाद्य यंत्रों की ध्वनि वाले हों। जैसे कि बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम।”

गाड़ियों के हॉर्न में बदलाव का उद्देश्य: शोर और प्रदूषण नियंत्रण
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र भारत में वायु प्रदूषण के लिए लगभग 40 प्रतिशत जिम्मेदार है। ऐसे में मोदी सरकार हरित ईंधन (Green Fuel) जैसे मेथनॉल, एथनॉल और जैविक ईंधन को बढ़ावा दे रही है।

गडकरी का यह बयान नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान आया, जहां उन्होंने कहा कि इस तरह के बदलावों से न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण कम होगा, बल्कि लोगों को आवाजों से तनाव भी कम होगा।

पहले भी कर चुके हैं ऐसे प्रस्ताव
यह पहली बार नहीं है जब नितिन गडकरी ने वाहनों के हॉर्न में भारतीय वाद्य यंत्रों की ध्वनि शामिल करने की बात कही है। इससे पहले 2021 में भी उन्होंने एक ऐसे ही कानून की योजना की घोषणा की थी। सिर्फ हॉर्न ही नहीं, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों की सायरन की आवाज को भी बदला जा सकता है। इसके लिए उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो (AIR) पर बजने वाली कर्णप्रिय धुनों का उपयोग करने की बात कही थी।

2023 में 50 डेसिबल की सीमा तय करने की बात
वर्ष 2023 में नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार वाहनों के हॉर्न की ध्वनि की अधिकतम सीमा 50 डेसिबल तय करने पर विचार कर रही है। यह कदम ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए बेहद अहम माना गया था।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?
• भारत के महानगरों में ध्वनि प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
• मौजूदा हॉर्न की तेज और असहनीय आवाज मानसिक तनाव का कारण बन रही है।
• भारतीय वाद्य यंत्रों की ध्वनि शांतिपूर्ण होती है और यह संस्कृति से भी जुड़ी होती है।
संभावित भारतीय वाद्य यंत्र जो हॉर्न में शामिल किए जा सकते हैं
• बांसुरी (Flute)
• तबला (Tabla)
• हारमोनियम (Harmonium)
• माउथ ऑर्गन (Mouth Organ)
• वायलिन (Violin)

अगर यह कानून लागू होता है, तो भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जो अपने परिवहन तंत्र में सांस्कृतिक मूल्यों और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण को एक साथ जोड़कर एक नया उदाहरण पेश करेगा।

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