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Digital Innovation Lab : रांची के बीआइटी में हुई नई पहल, इंडस्ट्री रेडी तैयार होंगे छात्र

बीआइटी मेसरा में मल्टीनेशनल कंपनी एड्रोसोनिक के सहयोग से बने झारखंड के पहले डिजिटल इनोवेशन लैब की शुरुआत कर दी गई है। इस डिजिटल इनोवेशन लैब में इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुरूप छात्रों की क्षमता का विकास किया जाएगा।

by Rakesh Pandey
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रांची : तेजी से बदलते समय में तकनीकी शिक्षा और इंडस्ट्री में उसके व्यावहारिक उपयोग के बीच अंतर देखा जा रहा है। ऐसे में इस बात की सख्त जरूरत महसूस की जा रही थी के टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस ने ऐसे टैलेंट निकलें जो पढ़ाई पूरी करने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से रेडी टू वर्क हों। रांची स्थित बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी (बीआइटी) मेसरा में एक ऐतिहासिक पहल डिजिटल इनोवेशन लैब के रूप में की गई है। इस लैब का औपचारिक उद्घाटन भी कर दिया गया है।

एड्रोसोनिक कंपनी ने तैयार किया है डिजिटल लैब


बीआइटी में लैब की स्थापना मुंबई स्थित मल्टीनेशनल आइटी कंसल्टेशन कंपनी एड्रोसोनिक ने की है। हाल ही में इस लैब का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर दो दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय डेटा साइंस और इंजीनियरिंग कान्क्लेव 2024’ का आयोजन भी किया गया। कान्क्लेव का आयोजन क्वांटिटेटिव इकोनामिक्स एंड डेटा साइंस सेंटर की ओर से एड्रोसोनिक और ब्रिटिश कंपनी एवेंटम ग्रुप के सहयोग से आयोजित किया गया।

विशेषज्ञों ने रखे विचार


‘अंतर्राष्ट्रीय डेटा साइंस और इंजीनियरिंग कान्क्लेव 2024’ के पहले दिन डिजिटल इनोवेशन लैब के हेड डा. मनीष कुमार पांडेय डा. मनीष कुमार पांडेय ने प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और शिक्षा को एक साथ मिश्रित करने की पहल और इसके सकारात्मक परिणामों के बारे में विचार व्यक्त किए। एड्रोसोनिक के सीईओ मयंक ने डिजिटल इनोवेशन लैब की जरूरत और इसे शुरू करने के बारे में बताया। एवेंटम ग्रुप के जेम्स फेयरग्रीव ने एवेंटम ग्रुप में कार्य संस्कृति पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे व्यवसाय में समय सीमा के बजाय इनोवेशन का महत्व होता है। जेम्स फेयरग्रीव, नीरज कुमार, डा. कीर्ति अविषेक और डा. मनीष कुमार पांडेय के साथ ‘ब्रिजिंग थ्योरी एंड प्रैक्टिस नेविगेटिंग द फ्यूचर आफ इनोवेशन थ्रू इंडस्ट्री-एकेडमिया कोलेबोरेशन’ शीर्षक पर चर्चा की। इसके बाद एड्रोसोनिक के एमडी और सीईओ मयंक के साथ इनोवेशन के मायनों पर वार्ता सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की मेजबानी मैट पेस ने की। स्वागत भाषण एचओडी डा. कुणाल मुखोपाध्याय ने दिया।

इस तरह तैयार किए जाएंगे छात्र


क्वांटिटेटिव इकोनामिक्स एंड डेटा साइंस सेंटर के सहायक प्रोफेसर व डिजिटल इनोवेशन लैब के हेड डा. मनीष कुमार पांडेय ने बताया कि यह झारखंड का पहला तकनीकी लैब है। इस इनोवेशन लैब के जरिए छात्रों को इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने का काम एड्रोसोनिक के विशेषज्ञ करेंगे। पहले चरण में 20 छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए पूरी तरह तैयार किया जाएगा। साल के अंत यहां छात्रों की संख्या 50 कर दी जाएगी। यह लैब पूरी तरह एड्रोसोनिक द्वारा प्रायोजित है जहां छात्र इंडस्ट्री लीडर्स के साथ मिलकर काम करते हुए अपनी क्षमता को बढ़ाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसी अत्याधुनिक तकनीक पर विकासात्मक तरीके से काम करेंगे।

छात्रों की प्रतिभा आएगी सामने : मैट पेस


इस अवसर पर एड्रोसोनिक अमेरिका के जीएम मैट पेस ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि डिजिटल इनोशन लैब का फायदा यहां के छात्रों को अपनी क्षमता बढ़ाने में किया जा सकेगा। छात्रों को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। आज के समय में आइडिया का आदान-प्रदान और समझ का होना काफी जरूरी है।

सीखना एक सतत प्रक्रिया : जेम्स फेयरग्रीव


ब्रिटिश कंपनी एवेंटम के हेड ऑफ इनोवेशन जेम्स फेयरग्रीव ने फैकल्टी और छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है। छात्रों के लिए उन्होंने संदेश दिया कि हमेशा सीखते रहें और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से खुद को तैयार करें। जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। खराब समय के अनुभव का लाभ उठाएं।

डिजिटल इनोवेशन लैब समय की जरूरत : मयंक


आइटी कंसल्टेंसी कंपनी एड्रोसोनिक के सीईओ मयंक ने बातचीत में बताया कि डिजिटल इनोवेशन लैब जैसी व्यवस्था का होना आज के समय की जरूरत है। हमारी कंपनी ने इसके लिए बीआइटी को इस चुना क्यों कि बीआइटी के प्रति शुरू से हमारा अलग लगाव रहा है। आज हमारी कंपनी बीआइटी की सबसे बड़ी रक्रूटर है। यहां के छात्रों का एड्रोसोनिक के विकास में अहम योगदान है। बीआइटी से रिक्रूट किए गए छात्र भारत के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, लैटिन अमेरिका के देशों में काम करते हुए कंपनी को आगे बढ़ा रहे हैं।

  • डिजिटल इनोवेशन लैब कितना कारगर होगा।
    जवाब : यह देखा जाता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों का प्लेसमेंट तो हो जाता है लेकिन औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से वह तैयार नहीं रहते। रिक्रूटमेंट के बाद उन्हें काम करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डिजिटल इनोवेशन लैब उन्हें ‘इंडस्ट्री रेडी’ बनाएगा। यहां आनेवाले छात्रों की दक्षता बढ़ेगी और उनका आत्मविश्वास भी।
  • क्या केवल आपकी कंपनी को इससे फायदा होगा।
    जवाब- ऐसा नहीं है। इनोवेशन लैब के माध्यम से तैयार होनेवाले क्षमतावान छात्र किसी भी कंपनी के लिए उपयोगी हो सकते हैं। यहां आकर वह सोच सकते हैं। आइडिया शेयर कर सकते हैं। किसी भी कंपनी की ओर दी गई समस्या का समधान खोज सकते हैं।
  • अभी तक इस लैब का कोई फायदा नजर आ रहा है।
    जवाब- औपचारिक रूप से उद्घाटन होने के पहले से ही डिजिटल इनोवेशन लैब एक्टिव है। यहां छात्रों ने इनोवेटिव आइडिया दिए हैं। उनकी आइडिया पर काम हुए और परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ड्रोन के माध्यम से फसल के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। एयरपोर्ट की स्थिति का निरीक्षण भी ड्रोन के माध्यम से करने को इस लैब के माध्यम से इनोवेशन किया गया है।
  • वर्तमान शिक्षा को आप किस रूप में देखते हैं।
    जवाब – हमारी शुरुआती शिक्षा बिहार में हुई। बिहार में उस समय करियर के रूप में केवल डाक्टर या इंजीनियर को अपनाने पर जोर दिया जाता था। उसके बाद प्रशासनिक सेवा पर जोर था। अब बिहार में भी ऐसा नहीं है। डिजिटल युग में डाटा पर निर्भरता बढ़ी है। इस हालात को अब लोग भी समझ रहे हैं और छात्र भी विभिन्न प्रकार के करियर विकल्प पर फोकस कर रहे हैं।

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