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Vehicle Scrapping Policy : 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे वाहन स्क्रैपिंग के नए नियम, जानें पुराने वाहनों पर क्या होने जा रही सख्ती

स्क्रैपिंग और रजिस्ट्रेशन पर होने जा रहा बड़ा बदलाव

by Mujtaba Haider Rizvi
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सेंट्रल डेस्क : पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने Vehicle Scrapping Policy को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। ये नए नियम पूरे देश में 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इसके तहत पुराने और अनुपयोगी वाहनों को समय पर स्क्रैप करना अनिवार्य होगा। कृषि वाहनों को छूट दी गई है।

15 साल पुराना वाहन घर पर रखना गैरकानूनी

यदि आपका वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है और उसका रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण नहीं कराया गया है, तो उसे घर पर रखना गैरकानूनी माना जाएगा। ऐसे वाहन 180 दिनों के भीतर किसी पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्र पर जमा करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर वाहन मालिक पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना, रजिस्ट्रेशन रद्द करने और अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

वाहन निर्माता कंपनियों की जिम्मेदारी

– प्रत्येक वाहन निर्माता को हर वर्ष एक निश्चित प्रतिशत में पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग करनी होगी।

– उन्हें ऑथराइज़्ड स्क्रैपिंग सेंटर्स से प्रमाणपत्र खरीदकर प्रस्तुत करना होगा, तभी उन्हें नए वाहन उत्पादन की अनुमति मिलेगी।

– स्क्रैपिंग के लिए स्टील उपयोग के मानक तय किए गए हैं। प्रत्येक निर्माता को यह बताना होगा कि उनके वाहनों में कितनी मात्रा में स्टील का उपयोग किया गया था।

परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों के लिए नियम

– परिवहन वाहन (Commercial Vehicles)

– अधिकतम आयु 15 वर्ष – गैर-परिवहन वाहन (Private Vehicles) – अधिकतम आयु 20 वर्ष- 15 वर्ष पूरे होने के बाद, हर 5 साल में फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यदि वाहन फिट पाया जाता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन 5 साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

दिल्ली-NCR में सख्त नियम

– दिल्ली-NCR में 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों का संचालन पहले से ही प्रतिबंधित है।

– अन्य राज्यों में यदि वाहन फिट है, तो 15 साल बाद भी चल सकता है, लेकिन हर 5 साल में आरटीओ फिटनेस टेस्ट कराना होगा।

स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के उपाय – सरकार और वाहन कंपनियां Awareness Programs चलाएंगी ताकि लोग Vehicle Scrapping Policy को अपनाएं।

– स्क्रैपिंग से वातावरण को नुकसान कम होगा और नए वाहनों के निर्माण में मदद मिलेगी।

नए स्क्रैपिंग नियमों से पुराने वाहनों के बढ़ते प्रदूषण को कम किया जाएगा और वाहन उद्योग को आधुनिक व पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा। वाहन मालिकों को समय पर अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना और स्क्रैपिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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