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गैर-शैक्षणिक कार्यों के बढ़ते बोझ से पढ़ाई हो रही बाधित, प्राथमिक शिक्षकों में असंतोष

एक बार में सभी कक्षाओं की किताबें नहीं मिलतीं, जिससे शिक्षकों को 3-4 बार वाहन भाड़ा देकर जाना पड़ता है।

by Reeta Rai Sagar
Primary school teachers burdened with non-academic tasks
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  • अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर जताई नाराजगी

Jamshedpur (Jharkhand) :अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी ने मंगलवार को उपायुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपते हुए शिक्षकों पर बढ़ते गैर-शैक्षणिक कार्यों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।

संघ का कहना है कि शिक्षकों को स्कूल समय में पढ़ाई के अलावा ऐसे कई कार्यों में लगाया जा रहा है, जिनसे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। साथ ही, इन कार्यों में निजी खर्च भी करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।

किताबें, बैग और सामग्री पहुंचाने में हो रही दिक्कत

शिक्षक संघ ने बताया कि URC/BRC से किताबें, नोटबुक, स्कूल बैग, टीएलएम सामग्री, साइकिल वितरण, बच्चों का आधार बनवाना, बैंक में खाता खुलवाना और चावल उठाव जैसे कार्यों के लिए शिक्षकों को स्कूल टाइम में या उसके बाद भी 20 से 25 किलोमीटर तक जाना पड़ता है।

एक बार में सभी कक्षाओं की किताबें नहीं मिलतीं, जिससे शिक्षकों को 3-4 बार वाहन भाड़ा देकर जाना पड़ता है। जबकि इसके लिए केवल 300 रुपये निर्धारित हैं, जो व्यय के मुकाबले बेहद कम है। अन्य सामग्रियों के लिए तो कोई भुगतान भी नहीं होता।

MDM चावल उठाव में शिक्षकों को उठानी पड़ रही परेशानी

संघ ने कहा कि मिड-डे-मील (MDM) चावल की डोर-स्टेप डिलीवरी का आदेश होने के बावजूद आज भी शिक्षक ही गोदाम से चावल उठाकर स्कूल ला रहे हैं।

पहले इसके लिए टेंडर किया गया था, लेकिन ठेकेदार ने कम राशि मिलने का हवाला देकर सेवा देने से इनकार कर दिया। कई स्कूलों को सालों से चावल ढुलाई का भाड़ा नहीं मिला है। जो राशि मिलती भी है, वह बहुत कम है।

CRP के माध्यम से प्रतिवेदन जमा करने की मांग

संघ ने उपायुक्त से आग्रह किया कि विद्यालयों द्वारा विभिन्न रिपोर्ट जमा करने के कार्य को Cluster Resource Person (CRP) के माध्यम से किया जाए। इससे शिक्षकों को URC/BRC के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी।

गुरुगोष्ठी और प्रशिक्षण स्कूल समय में कराएं

संघ ने बताया कि पहले गुरुगोष्ठी (Teacher Training) स्कूल समय में ही होती थी, लेकिन अब इसे स्कूल के बाद किया जा रहा है। जबकि JCERT के SOP में भी गुरुगोष्ठी का आयोजन 4 बजे तक करने का निर्देश है।

संघ ने मांग की है कि इस व्यवस्था को पुनः लागू किया जाए, ताकि शिक्षकों को अतिरिक्त बोझ न उठाना पड़े।

BLO कार्य से शिक्षकों को किया जाए मुक्त

संघ ने बताया कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद जमशेदपुर में शिक्षकों को अभी भी BLO और BLO सुपरवाइजर का कार्य सौंपा जा रहा है।

राज्य के अन्य जिलों में शिक्षकों को BLO की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है, लेकिन पूर्वी सिंहभूम में यह प्रथा जारी है। BLO कार्य स्कूल समय में ही होता है, जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है।

अन्य विभागीय कार्य भी पढ़ाई पर डाल रहे असर

संघ ने कहा कि शिक्षकों को समय-समय पर बच्चों की नेत्र जांच, आधार कार्ड बनवाने, बैंक खाता खुलवाने, नामांकन अभियान, घर-घर सर्वे, साइकिल वितरण, विभिन्न प्रशिक्षण, फॉर्म भरना और अन्य सरकारी योजनाओं के कार्य भी करने पड़ते हैं।

इन कार्यों में समय भी लगता है और निजी खर्च भी करना पड़ता है। यदि शिक्षक स्कूल में ही रहें तो ये काम पूरे नहीं हो सकते और यदि बाहर जाएं तो बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।

शिक्षक संघ की पांच प्रमुख मांगें

  • किताबें और अन्य शैक्षणिक सामग्री स्कूल या संकुल तक पहुंचाने की व्यवस्था हो।
  • MDM चावल की डोर-स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।
  • CRP के माध्यम से प्रतिवेदन जमा कराने की प्रक्रिया लागू हो।
  • गुरुगोष्ठी और प्रशिक्षण स्कूल समय में कराए जाएं।
  • शिक्षकों को BLO की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की राह होगी आसान

संघ ने कहा कि यदि इन मांगों को पूरा किया जाता है तो शिक्षक अपना पूरा समय बच्चों के पठन-पाठन में दे सकेंगे और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। संघ ने उपायुक्त से शीघ्र समाधान की अपील की है।

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