नई दिल्ली: Operation Sindoor: केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मुरिदके और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने बहावलपुर को निशाना बनाया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और रणनीतिक महत्व
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करना था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे। इस आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। भारत सरकार ने इस कार्रवाई को ‘सटीक, मापी गई और गैर-उत्तेजक’ बताया है। इसमें पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया है।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष को जानकारी
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यह बैठक बुलाई गई है, ताकि सभी राजनीतिक दलों को भारतीय सेना की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जा सके। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं को ऑपरेशन के उद्देश्य, लक्षित ठिकानों, रणनीतिक प्रभाव और पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रतिक्रिया की स्थिति में भारत की तैयारियों के बारे में बताया जा रहा है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारतीय हमलों को ‘नपुंसक’ और ‘आत्मघाती’ करार दिया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान इसका जवाब देगा। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि उसने पांच भारतीय विमानों को मार गिराया है, हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है। दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलाबारी हुई है, जिससे दोनों पक्षों में नागरिक हताहत हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और अन्य देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है, क्योंकि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और इस संघर्ष का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रभाव हो सकता है।
भारत ने रखा पक्ष
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है और किसी भी प्रकार की सैन्य वृद्धि का उद्देश्य नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई हवाई हमलों में पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके जैसे प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया है, जो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय माने जाते हैं।
आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति
भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर चलता है। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के उद्देश्यों, लक्ष्यों और इसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।
मुख्य बातें
- पाकिस्तान की किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई की स्थिति में भारत की रक्षा तैयारियों पर एक संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी।
- यह सर्वदलीय बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बुलाई गई है, जो भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और PoK में नौ स्थानों पर एक संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी।
3.संयुक्त सैन्य कार्रवाई के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित सभी दलों के नेताओं ने सशस्त्र बलों के प्रति समर्थन जताया। - भारत सरकार ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि यह सैन्य कार्रवाई लगभग 25 मिनट तक चली। यह हमला बुधवार, 7 मई को सुबह 1:05 बजे शुरू हुआ और 1:30 बजे समाप्त हो गया। ब्रीफिंग का नेतृत्व विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने किया।
- पाकिस्तान और PoK में जिन आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया गया उनमें सियालकोट का सरजल कैंप, मुरिदके का महमूना जोया और मरकज़ तैयबा, बहावलपुर का मरकज़ 6.सुब्हानअल्लाह, मुजफ्फराबाद का सवाई नाला और सैयदना बिलाल, कोटली का गुलपुर और अब्बास कैंप और भिंबर का बरनाला कैंप शामिल हैं।
7.जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर ने दावा किया कि भारतीय मिसाइल हमलों में उसके दस परिजन मारे गए हैं। - यह मिसाइल हमला उस भयंकर पहलगाम आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद हुआ है जिसमें जम्मू-कश्मीर में 26 लोगों की जान गई थी।
- पहलगाम हमले के बाद देशभर में भारी आक्रोश फैला था और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।