Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के हुरलौंग पंचायत स्थित महुगांई गांव में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां असामाजिक तत्वों ने एक डैम में जहर (Palamu Dam Poisoning) डाल दिया। इस घिनौनी हरकत के चलते डैम में पल रही लाखों रुपये की मछलियां मर गईं, जिससे मत्स्य पालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। यह डैम सुपेंद्र साव नामक व्यक्ति द्वारा लीज पर लिया गया है, और इसमें पूरे गांव के सहयोग से मछली पालन का कार्य किया जाता था।
Palamu Dam Poisoning : ग्रामीणों के सहयोग से किया जा रहा था मत्स्य पालन
ग्रामीणों ने बताया कि डैम में हाल ही में मछलियों का नया स्टॉक डाला गया था, जिसे शरारती तत्वों ने बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार, 30 जून को सुपेंद्र साव और गांव के अन्य लोगों ने मिलकर 124 किलोग्राम मछली के बीज डैम में डाले थे। डैम में पहले से भी काफी मछलियां मौजूद थीं, जिनकी ग्रामीण मिलकर देखभाल कर रहे थे। लेकिन मंगलवार को ग्रामीणों ने देखा कि डैम की सतह पर बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां तैर रही हैं और पूरे इलाके में मछलियों की दुर्गंध फैल गई थी। इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि किसी ने जानबूझकर डैम में जहरीला पदार्थ (Palamu Dam Poisoning) मिला दिया है।

लाखों रुपये का हुआ नुकसान
डैम के पट्टेदार सुपेंद्र साव ने बताया कि उन्होंने यह डैम तीन वर्षों के लिए लीज पर लिया है और वह गांव के सहयोग से मछली पालन करके अपना जीवन यापन करते हैं। इस वर्ष उन्होंने और गांव वालों ने मिलकर लाखों रुपये खर्च करके मछलियों की खरीद की थी, लेकिन इस घटना ने उन सभी की मेहनत पर पानी फेर दिया है। धनंजय शर्मा, विजय साव, रविकांत शर्मा, प्रदीप प्रजापति, सुमंत कुमार प्रजापति, निरंजन प्रजापति, सुरेंद्र साव, अरविंद प्रजापति समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि यह सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के सपनों को कुचलने जैसा है। ग्रामीणों ने मत्स्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को घटना की सूचना दे दी है और प्रशासन से मांग की है कि डैम की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति (Palamu Dam Poisoning) न हो सके।
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