पलामू : रांची के सिल्ली से रेस्क्यू किए गए बाघ ‘सम्राट’ उर्फ ‘किला’ को पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) में लाया गया है। यहां नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के निर्देश पर एक स्पेशल टीम को ‘सम्राट’ की निगरानी में तैनात किया गया है। यह टीम बाघ की हर गतिविधि और स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रख रही है।
‘सम्राट’ के व्यवहार और स्वास्थ्य की हो रही है गहन निगरानी
स्पेशल टीम ‘सम्राट’ के व्यवहार, उसके शिकार करने के तरीके और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले किसी भी प्रभाव का लगातार आकलन कर रही है। पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक, प्रजेशकांत जेना ने बताया कि तीन सप्ताह की गहन निगरानी के बाद NTCA बाघ ‘सम्राट’ को लेकर एक बड़ा और अहम निर्णय लेगी। अगर ‘सम्राट’ के व्यवहार में कोई बदलाव या किसी तरह की आशंका नजर आती है, तो उसे रेडियो कॉलर भी लगाया जा सकता है। इस निगरानी अवधि के बाद ही ‘सम्राट’ के स्थायी प्रवास (हैबिटेट) को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।
Palamu News: रांची के सिल्ली में एक घर में घुस गया था ‘सम्राट’
बता दें कि 20 जून को रांची के सिल्ली स्थित पुरंदर महतो के घर में बाघ ‘सम्राट’ घुस गया था। जिस वक्त यह घटना हुई, घर में बच्चे भी मौजूद थे। पलामू टाइगर रिजर्व और वन विभाग की टीम ने लगभग 15 घंटे तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर ‘सम्राट’ को सुरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पहुंचाया था।
Palamu News: बांधवगढ़ से पलामू तक का सफर
‘सम्राट’ को पहली बार 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व के पलामू किला इलाके में देखा गया था। इसके बाद वह चतरा, हजारीबाग, दलमा होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक चला गया था। ‘सम्राट’ मूल रूप से 2023 में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकलकर पलामू टाइगर रिजर्व पहुंचा था।
पलामू टाइगर रिजर्व में बढ़ रही है बाघों की संख्या
पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 414.08 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया शामिल है। 2023 के बाद से पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में छह बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है। यह 2018 के बाद पहली बार है कि इतनी संख्या में बाघों की आवाजाही दर्ज की गई है। गौरतलब है कि 2018 में पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य बताई गई थी। यह बढ़ती संख्या रिजर्व के लिए एक सकारात्मक संकेत है।