सेंट्रल डेस्क/Paper Leak : The Public Examinations (Prvention of Unfair Means) Bill 2024: सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
दरअसल, सरकार की ओर से सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 बिल पेश किया गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पहले से चल रही चर्चा के कारण सोमवार को इस बिल पर चर्चा नहीं हो पाई। आन यानि मंगलवार को इस बिल को मंजूरी मिलने की संभावना है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में भी कहा था कि हमारी सरकार पेपर लीक रोकने के लिए बिल लेकर आएगी।
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बना जाएगा कानून
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह इस विधेयक को सबसे पहले निचले सदन लोकसभा में पेश किया। लोकसभा में पास होने के बाद इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया जाएगा। दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा।
केन्द्र सरकार Paper Leak मामले में हुई सख्त
देश के किसी न किसी राज्य में हमेशा Paper Leak होने के मामले सामने आते रहते हैं। कई राज्यों में इसके लिए खास तौर पर कानून भी बनाए गए हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ पहली बार कानून बनाया गया है। ताकि पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं बार-बार रद्द नहीं करनी पड़े। केंद्र सरकार ने पेपर लीक मामले को गंभीरता से लिया और लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 पेश कर दिया है।
होगी 10 साल की सजा व 1 करोड़ तक का जुर्माना
अगर पेपर लीक करने में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसे 10 साल की सजा और 1 करोड़ तक जुर्माना लगाया जा सकता है। नियम के मुताबिक, दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पर दोषी पाए गए अपराधी को 3 से 5 साल की जेल और 10 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं अगर पेपर लीक और नकल के मामले में कोई भी संस्थान दोषी पाया गया तो उससे परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जा सकता है। साथ ही उसकी सारी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
देशभर में समान रूप से लागू होगा कानून
यह कानून देश के सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए सामान रूप से लागू होगा। जिसमें यूपीएससी, एसएससी, पीसीएस, बोर्ड एग्जाम सहित सभी सरकारी एग्जाम शामिल हैं। जिसकी जांच पुलिस उपाधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे। इस कानून के लागू हो जाने के बाद परीक्षाओं में Cheating व Unfair Means के प्रयोग पर अंकुश लगने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।
तय होगी सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि परीक्षा के संचालन से जुड़े सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। उन्होंने कहा, “कोई भी परीक्षा सभी उम्मीदवारों के वास्तविक स्तर, उनके ज्ञान और मानसिक क्षमता का परीक्षण करना चाहती है। यदि किसी एक व्यक्ति या लोगों के समूह को अनुचित लाभ होता है तो यह देश के विकास के लिए अच्छा नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हो सकता है कि वह उच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण हो जाए, लेकिन वह देश के विकास में कुछ भी योगदान देने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसलिए लंबे समय में हम 2047 तक सक्षम नागरिक चाहते हैं।”
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