हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : झारखंड के पारा मेडिकल छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें भी एमबीबीएस छात्रों की तरह इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। इसके बदले में उन्हें स्टाइपेंड भी मिलेगा। इसे लेकर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने संकल्प पत्र जारी किया है।
झारखंड में अब पारा मेडिकल छात्रों को भी मिलेगा स्टाइपेंड
वहीं, विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार ने इसका प्रतिलिपि सभी संबंधित अधिकारियों को भी भेजा है। इसमें राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल, अधीक्षक, सिविल सर्जन सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। यह पत्र जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. केएन सिंह को भी मिला है। जिसमें पारा मेडिकल छात्रों के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है।
——————
खुशी से झूमे पारा मेडिकल छात्र
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जब चिकित्सकों ने पारा मेडिकल छात्रों को यह खुशखबरी सुनाई तो वे खुशी से झूम उठे। दरअसल, इंटर्नशिप, स्टाइपेंड सहित अन्य
समस्याओं को लेकर पारा मेडिकल छात्र एसोसिएशन के बैनर तले लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं। पारा मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी राम वृक्ष महतो ने
बताया कि वे लोग वर्ष 2006 से इसकी मांग कर रहे थे, जो अब जाकर पूरा हुआ।
————–
पारा मेडिकल छात्रों के लिए अलग कॉलेज भी बनेगा
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. केएन सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि पारा मेडिकल छात्रों के लिए एक अलग कॉलेज भी बने। इसे लेकर सरकार भी गंभीर है। उम्मीद है कि जल्द ही एक नया कॉलेज का निर्माण होगा। पूर्व में एक जगह भी देखा गया था। लेकिन अब कार्य तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा।
—————-
विभाग के संकल्प पत्र में क्या-क्या
– चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के साथ संबद्ध पारा मेडिकल संस्थान के सफल छात्र-छात्राओं से प्रथमत: उसी संस्थान में तथा उक्त संस्थान में आवश्यकता नहीं होने की स्थिति में उसी जिले में सेवाएं प्राप्त की जाएंगी। सदर अस्पतालों में संचालित पारा मेडिकल कोर्स के सफल छात्र-छात्राओं से जिले के अधीन विभिन्न स्तर के
स्वास्थ्य उपकेंद्रों, केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी, अनुमंडल अस्पतालों, सदर अस्पतालों में सेवाएं प्राप्त की जाएंगी।
– ऐसी सेवाएं संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के अधीक्षक तथा संबंधित जिला के सिविल सर्जन के द्वारा स्वास्थ्य उपकेंद्रों, केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी, अनुमंडल अस्पतालों, सदर अस्पतालों की आवश्यकता के अनुरूप प्राप्त की जाएंगी, जिसकी सूचना संबंधित क्षेत्रीय उप-निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं झारखंड को अनिवार्य रूप से दी जाएगी।
– सेवाएं प्राप्त करने हेतु सर्टिफिकेट कोर्स के सभी सफल छात्र-छात्राओं को 10 हजार रुपये प्रतिमाह एवं डिप्लोमा कोर्स के सभी सफल छात्र-छात्राओं को 12 हजार प्रतिमाह नियत मानदेय दिया जाएगा।
– प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं से संस्थान में प्रवेश के वक्त बांड के आधार पर राज्य सरकार के अधीन एक वर्ष के लिए अनिवार्य रूप से सेवा देने के संबंध में शपथ पत्र
प्राप्त किया जाएगा।
– उक्त सेवावधि के लिए संबंधित छात्र-छात्राओं को संबंधित सिविल सर्जन द्वारा ऐसी सेवावधि समाप्त होने के अधिकतम 30 दिनों के भीतर अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत
किया जाएगा।
– शपथ पत्र का पालन नहीं करने की स्थिति में अथवा बांड की शर्त से विमुक्ति हेतु एक लाख रुपये की राशि वसूली जाएगी।
– वर्तमान में संस्थान के प्रशिक्षणाधीन छात्र-छात्राओं से उपयुक्त क्रम में विकल्प प्राप्त करते हुए प्रसंगाधीन शपथ पत्र प्राप्त किया जाएगा ताकि ऐसी इच्छुक छात्र-छात्राओं से बांड आधारित सेवाएं प्राप्त की जा सकें।
– बांड के आधार पर एक वर्ष सेवाएं प्रदान करने के लिए किसी को नियमित नियुक्ति के क्रम में दो अंक की अधिमानता दी जाएगी। जिस क्रम में नियमावली में आवश्यक प्रावधान किया जाएगा।
– बांड आधारित सेवाएं प्राप्त करने हेतु सर्टिफिकेट कोर्स करनेवाले प्रशिक्षु छात्र-छात्राओँ को 10 हजार प्रतिमाह एवं डिप्लोमा कोर्स करने वाले प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को 12 हजार रुपए प्रतिमाह के नियत मानदेय का वहन संबंधित जिला के सिविल सर्जन के अधीन अनुबंध, मानदेय कर्मियों के भुगतान के लिए निर्धारित मद से किया जाएगा।
READ ALSO : दिल्ली एम्स के प्रोफेसर ने कहा-तनाव में सबसे अधिक एमबीबीएस छात्र, जानिए कैसे